सरवाड़ पुलिस ने आनन-फानन में पेश किया चालान

ग्राम शौकलिया के हनुमान मंदिर जमीन मामले में सरवाड़ पुलिस ने आनन-फानन में पेश किया चालान, आरोपीगण बिना गिरफ्तार हुये ही जमानत पर हुये आजाद
मामले में संसदीय सचिव शत्रुध्न गौतम व तत्कालीन ए.एस.पी. रवीन्द्र सिंह पर ग्रामवासियों ने लगाये थे आरोप

अजमेर।दिनांक 18.07.2018 केकड़ी विधानसभा क्षेत्र के ग्राम शौकलिया के हनुमान मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण करने के आरोपी ग्राम शौकलिया निवासी पवन कुमार नायक पुत्र श्री सूरजमल नायक द्वारा अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम व रास्ता रोकने व फसल को नुकसान पहुँचाने के संबंध में शौकलिया ग्रामवासियों के विरूद्ध जरिये परिवाद रिपोर्ट दर्ज कराई गई जिस पर सरवाड़ पुलिस ने आज आनन-फानन में अजमेर के विशिष्ट न्यायाधीश अनुसूचित जाति जनजाति के न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया।
परिवादी पवन नायक की रिपोर्ट पर शौकलिया निवासी रंगलाल पुत्र छीतर गुर्जर, महेन्द्र पुत्र श्री देवी सिंह राठौड़, खाजू पुत्र श्री गोकुल खां, अल्ला बक्श पुत्र श्री खाजू खां, ग्यारसमल पुत्र श्री गोपीमाली, श्यामलाल पुत्र श्री छोटू खाती के विरूद्ध सरवाड़ पुलिस ने चालान प्रस्तुत किया जिस पर न्यायालय में उनके द्वारा जमानत अर्जी दाखिल की जिस पर माननीय न्यायाधीश श्रीमती ब्रजमाधुरी शर्मा ने आरोपीगणों को 25,000-25,000/- रूपये जमानत व मुचलके पर जमानत पर आजाद करने के आदेश जारी किये। आरोपीगण की ओर से पैरवी एडवोकेट विवेक पाराशर ने की।
अदालत में दी दलील
आरोपीगण के अधिवक्ता विवेक पाराशर ने अदालत में दलीद दी कि परिवादी पवन नायक व उसके पिता सूरजमल नायक स्वयं द्वारा शौकलिया ग्राम के आस्था के केन्द्र हनुमान मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था जिसे राजस्व अधिकारियों द्वारा पुलिस जाप्ते की मौजूदगी में हटाये जाने से नाराज होकर उपरोक्त झूठा प्रकरण दर्ज कराया तथा न्यायालय में प्रकरण के गवाहों हटाने पर शिवराज, महावीर, शिवराज पुत्र रामकरण, महावीर, रामकिशन, नन्दा, जोधा, सोनू, रतन, रामनन्द व जगदीश के शपथ पत्र नोटेरी तस्दीक शुदा न्यायालय में प्रस्तुत कर प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी रवीन्द्र सिंह पर आरोप लगाये कि उनके द्वारा गवाहों के बयान लिये बिना ही चालान में उनके बयान मिथ्या तरीके से उल्लेखित कर लगा दिये जबकि ऐसी कोई घटना कारित ही नहीं हुई तथा महत्वपूर्ण राजकीय व लोक दस्तावेज जिससे उपरोक्त अपराध बनना ही प्रमाणित नहीं होता है दस्तावेज भी न्यायालय में प्रस्तुत किये। समग्र विवेचन पश्चात् न्यायालय द्वारा बिना गिरफ्तार पेश किये गये आरोपीगण को तत्काल जमानत पर आजाद करने के आदेश जारी कर दिये

एक दिन पूर्व एस.पी को सौंपा था ज्ञापन
इस मामले में एक दिन पूर्व ही ग्राम शौकलिया के सैकड़ो की तादाद में महिला व पुरूष ग्रामवासी पंचायत समिति सदस्य सरवाड़ शक्ति प्रताप सिंह राठौड़, पीपरोली के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक श्री राजेन्द्र सिंह चौधरी से भेंट वार्ता कर उन्हें ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही का विरोध किया था और ससंदीय सचिव व भाजपा विधायक शत्रुध्न गौतम के ईशारे पर तत्कालीन ए.एस.पी. रवीन्द्र सिंह द्वारा भोले भाले ग्रामवासियों को गलत तरीके से फंसाये जाने धार्मिक आस्था के केन्द्र हनुमान मंदिर के अतिक्रमियों को शह देने का आरोप लगाते हुये द्वेषतावश अनुसंधान कर गवाहों के बयान लिये बिना ही पत्रावली पर उनके बयान प्रस्तुत किये जाने का आरोप भी लगाया था और पत्रावली पर राजस्व अधिकारियों के बयान जो जिला कलेक्टर की जाँच के दौरान लिये गये थे भी पत्रावली पर प्रस्तुत नहंी करने का आरोप लगाया था जिस पर पुलिस अधीक्षक को सौंपे गये ज्ञापन के साथ प्रस्तुत दस्तावेज व हल्फनामे भी प्रेषित किये गये थे जिन्हें उनके द्वारा संबंधित को आदेश देकर पत्रावली पर दस्तावेज लगाने का आश्वासन दिया था बावजूद इसके पुलिस द्वारा चालान के साथ प्रस्तुत नहीं किये और आनन-फानन में चालान एक दिन में ही पेश कर इतिश्री कर ली। राठौड़ का आरोप है कि एस.पी. के आश्वासन के बावजूद भी चालान में महत्वपूर्ण दस्तावेजो को पुलिस द्वारा प्रस्तुत नहीं किया गया है।

पुलिस की कार्यवाही से ग्रामवासीयों को न्याय से वंचित करने का कुप्रयास किया गया है जिससे पुलिस की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है और सत्य परेशान हो सकता है परन्तु पराजित नहीं व दोषी अधिकारियों के विरूद्ध कानून की शरण लेंगे।

– शक्ति प्रताप सिंह राठौड़, पंचायत समिति सदस्य, सरवाड़। मो.नं. 9829072530

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