क्रांतिकारी राष्ट्र संत को भारत रत्न से नवाजने की मांग

अजमेर 01/09/2018, राष्ट्र संत जैन मुनि श्री 108 तरुणसागर जी महाराज के देवलोकगमन होने पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए उन्हें विनयांजलि दी और दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की |
डीसीसी अध्यक्ष विजय जैन ने विनयांजलि देते हुए कहा कि देश ने इसे राष्ट्र संत को खो दिया जिनकी भरपाई संभव नहीं | वे कडवे प्रवचनों के नाम से विश्वविख्यात रहे उनके प्रवचनों में जैन व अजैन भारी संख्या में प्रवचनों का लाभ लेते थे |
प्रदेश राजीव गाँधी यूथ फेडरेशन के प्रदेश संयोजक कमल गंगवाल, अजमेर जिला कांग्रेस कमेटी के सीए प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सीए विकास अग्रवाल ने विनयांजलि देते हुए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व भारत सरकार से राष्ट्र संत श्री तरुणसागर जी महाराज को भारत रत्न देने की मांग की है | इसे संत जिन्होंने अपनी बाल उम्र से ही जैनत्व नहीं मानवता के बारे में मंथन किया एवं अपने जीवन में किये गये मंथनों को देश एवं समाज सुधार के लिए क्रांतिकारी विचारों के साथ समर्पित किया जिन्हें सरकार द्वारा क्रांतिकारी राष्ट्र संत की उपाधि से सम्मानित किया | आपके द्वारा लिखी गयी कडवे प्रवचनों की किताबे गिनीज़ बुक आफ वर्ड रिकार्ड्स में दर्ज है इसे में सम्पूर्ण मानव जाती राष्ट्र संत को भारत रत्न की उपाधि से नवाजने की मांग करती है |
विनयांजलि देने वालों में कमल गंगवाल, विकास अग्रवाल, राजकुमार गर्ग, विजय पांड्या, दिनेश के. शर्मा, आई टी सेल के अनुपम शर्मा, मनीष सेठी, जुल्फिकार चिश्ती, मनीष सेन, मो. हनीफ अंसारी, सुदेश पाटनी, प्रहलाद माथुर, प्रेमसिंह गौड़, मनोज बेदी, शरद कपूर आदि हैं |

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