दयानन्द महाविद्यालय में गुरूजन का किया सम्मान

रोली मोली बॉध लिया आर्षिवाद
प्राचार्य ने दी षिक्षकों को नई जिम्मेदारियां

किसी की महानता व गरिमा का निर्धारण उसकी इमारतों या उपकरणों से नहीं होता बल्कि कार्यरत अध्यापकों की विद्धता व चरित्र से होता है जिस देष में अध्यापको का सम्मान मिलता है वह तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होता है यह बात बुधवार को दयानन्द महाविद्यालय सभागार में बोलते हुए प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत ने कही, षिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में बोलते हुए प्राचार्य ने कहा कि वर्तमान में हमारे युवा अपनी संस्कृति से दूर होते जा रहे है जिसके पीछे कारण एक पीढी द्वारा दूसरी पीढी को संस्कारों व संस्कृति का हस्तातरण नहीं होना है परिणाम स्वरूप युवा दिषाभ्रमित हो रहे है जरूरत आज अच्छे गुरूजनों की है जो विद्यार्थियों का सही मार्ग दर्षन कर सके। गुरू षिश्य की अटूट परम्पराओं का सम्मान हो व जीवन को तराषनें वाले गुरू का सम्मान होता रहे इसी उपलक्ष मंे ऐसे कार्यक्रम हमारे जीवन में जीवांतता लाते हैं
इस अवसर पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सभी गुरूजनों के रोली अक्षत के तिलक लगा मोली बॉध अभिनन्दन कर आषर््िावाद लिया गया। इस अवसर पर प्राचार्य द्वारा महाविद्यालय षिक्षकों को नई जिम्मेदारियां देकर उनका उत्साहवर्धन किया डॉ अमृता तंवर को विज्ञान संकाय का डीन, डा ॅमेघना टंडन को कार्मष संकाय डीन, डॉ रफीक मोहम्मद कला संकाय डीन, डॉ ़ऋतु षिल्पी को समसामयिक गतिविधियों का प्रभारी डॉ महावीर प्रसाद को महाविद्यालय में स्वच्छता रखवाने की जिम्मेदारी के साथ प्रभारी बनाया गया सभी का प्राचार्य ने माल्याअर्पण का जिम्मेदारियां दी।

इस अवसर पर कामर्स विभाग तथा आईसीएफएआई के संयुक्त तत्वावधान में षिक्षक दिवस पर संदेष प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें विद्यार्थियों ने अपने षिक्षकों के लिए मन की भावनाओं को संदेष के माध्यम से उकेरा। मिडिया प्रभारी डॉ संत कुमार द्वारा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

मिडिया प्रभारी डॉ संत कुमार 9829191060, 9694460777

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