लघुकथा पर रचानात्मक लेखन पर कार्यषाला का आयोजन

जीवन में बहुत छोटी छोटी घटनाएं व्यक्ति को बहुत बडी सीख दे जाती है लधुकथा के माध्यम से ऐसी घटित होने वाली घटनाओं को रचनात्मकता के साथ सहज षब्दों में लिखना ही लघु कथा है यह बात षुक्रवार को दयानन्द महाविद्यालय में लधुकथा एवं नाटक अकादमी के अध्यक्ष गोविन्द षर्मा ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कही हिन्दी पखवाडे के तहत आयोजित लघुकथा पर रचनात्मक लेखन कार्यषाला में बोलते हुए श्री षर्मा ने अपने उद्बोधन में बताया कि लघु कथा लिखना कोई सीखने वाली चीज नहीं है। लेखन की कला व्यक्ति के मन से प्रकट होती है जिसको सुन्दर षब्दों के माध्यम से सहज कर लिखना होता है मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए श्री षर्मा ने लधुकथा व बाल कथा में अंतर बताया कि लधुकथा में मानव की गरीमा को ठोस नहीं पहुंचनी चाहिए गरीब व अमीर का अंतर, गुणों पर कटाक्ष, व्यंग अकारण दोश धर्म, पार्टी, विचारधारा आदि से ग्रसित नहीं होनी चाहिए।

अपने उदबोधन मे श्री षर्मा ने युवओं को लधुकथा लिखने हेतु प्रेरित करते हुए बताया कि लधुकथा क्यो लिखनी चाहिए, उसका उद्देष्य क्या है किस पर क्यो व कैसे लिखनी चाहिए आदि प्रष्न जब मन में आए तभी लधुकथा का लेखन होना चाहिए लधुकथा मानवतावादी, सामाजिक सरोकार से पूर्ण समसामयिक रचानत्मकता कालपनिक नहीं, आडम्बर संे दूर व सीधी बात साफ षब्दों में प्रथम पक्ति से अंतिम पंक्ति तक तारतम्यता के साथ होनी चाहिए।

इस अवसर पर कार्यक्रम के विषिश्ट अतिथी गोविन्द भारद्धाज ने विद्यार्थियों को रचनात्मकता के साथ व्याकरण की षुद्धि, विराम चिन्ह का सही जगह प्रयोग, निर्णय रूची के अनुसार रचना, पात्रों की संख्या कम, लम्बे संवाद वाला नहीं, मुहावरों का प्रयोग नहीं व सौम्य षब्दों का प्रयोग होने वाला हो।

इस अवसर पर पत्रकार प्रताप सनकत ने विद्यार्थियों को लघुकथा की वर्तमान में मौलिक महत्व पर प्रकाष डाला तथा जीवन की घटनाओं का लघुकथा से सीख लेने की बात कही।

इस अवसर पर लघुकथाकार सुश्री श्रुति गौतम ने बताया कि व्यक्ति अपने स्वयं के अनुभवों से सीखता है या फिर दूसरों के अनुभवों का ज्ञान कर सीखता है

श्रीमती पूनत पांडेे श्री उमेष कुमार चोरसिया सहित अनेक वक्ताओं के अपने अनुभव मंच पर साझा किए।

कार्यक्रम का आयोजन हिन्दी विभाग दयानन्द महाविद्यालय के तत्तवावधान में आयोजित किय गया विभागाध्यक्ष डॉ प्रीति ंिसंह ने बताया कि इस अवसर पर विद्यार्थियों को लघु कथा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

मिडिया प्रभारी डॉ संत कुमार ने बताया कि कार्यक्रम का प्रारम्भ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्याअर्पण कर दीप प्रज्जवलित कर अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुश्री श्रुति गौतम मुख्य वक्ता श्री गोविन्द षर्मा विशय विषेशज्ञ गोविन्द भारद्धाज विषिश्ट अतिथि पुनम पांडे उमेष कुमार चौरसिया थे कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ लक्ष्मीकांत ने की तथा अतिथियों का माल्याअर्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम संयोजिका डॉ प्रीति ंिसंह ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर डॉ महावीर प्रसाद, डॉ रफीक मोहम्मद, डॉ ऋतु षिल्पी, डॉ भूपेन्द्र सिंह सहित अनेक व्याख्याता उपस्थित थे। मंच का संचालन श्रीमती कविता षर्मा द्वारा किया गया।

डॉ संत कुमार
9829191060

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