राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा तकनीकी सलाहकार के पद के लिए राठौड़ का कार्यकाल बढ़ा

अजमेर, 26 सितम्बर। भारत सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा तकनीकि सलाहकार के रूप में श्री वीरेन्द्र सिंह राठौड़ का कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया।
सिंगावल मसूदा निवासी जिला परिवहन अधिकारी (सड़क सुरक्षा) वीरेन्द्र सिंह राठौड़ का 2016 में राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार (सड़क सुरक्षा एवं एनफोर्समेन्ट) के पद पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार में चयनोपरान्त राजस्थान सरकार ने उन्हें भारत सरकार को सलाहकारी सेवा के लिए भारत सरकार में 1 वर्ष के लिए प्रतिनियुक्ति पर भेजा था। भारत सरकार में सितम्बर, 2016 से कार्यरत राठौड़ का कार्यकाल पूर्व में दो बार बढाया जा चुका है अभी 31 अगस्त, 2018 को कार्यकाल समाप्त हो गया था। भारत सरकार ने उनके सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में अनुभव समर्पण एवं उत्कृष्ट सेवाओं के फलस्वरूप उनको दिये जा रहें 1 लाख 6 हजार सलाहकारी फीस में 15,000 रूपयें मासिक बढ़ाते हुए उनका कार्यकाल राजस्थान सरकार से अनापत्ति पत्र लेकर 1 वर्ष के लिए बढाया है। अब उनकी फीस 1,21,000 हो गया है। अब राठौड़ अगस्त, 2019 तक भारत सरकार के राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा तकनीकी सलाहकार के पद पर रह सकेंगे। श्री राठौड़ उच्चतम न्यायालय एवं उसके द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति में भारत सरकार के प्रतिनिधि, राज्यों के सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ से समन्वय स्थापित कर सलाह देना, सड़क सुरक्षा मानकों में व्यापक बदलाव, मोटरवाहन कानून में संशोधन आदि में अपने सुझाव, सड़क सुरक्षा से जुड़ी स्कीमों को बनाना एवं उन्हें हितधारकों के सहयोग से लागू करवाने का कार्य कर रहे है। राठौड़ देश के पहले ऎसे सरकारी परिवहन अधिकारी है जिन्होने सड़क सुरक्षा अन्वेषक, सड़क सुरक्षा अंकेक्षक प्रशिक्षक का अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का कोर्स किया है तथा 20 से अधिक वर्षाे से सड़क सुरक्षा पर कार्य करने का अनुभव हैं।

राठौड़ ने हाल ही में सड़क सुरक्षा कानून विषय पर 6-ई संकल्पना के तहत मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय से पीएचडी कर थिसिस जमा करा चुके हैं। पिछले 5 वर्षाे से राज्य के पांच जिलों (अजमेर,भीलवाड़ा,राजसमन्द,चितौड़गढ, उदयपुर) में मोबाईल वेन एवं 11 सदस्य टीम के माध्यम से राजस्थान सड़क सुरक्षा शिक्षा एवं जागृति मिशन परियोजना विशेष स्ट्रेटेजी के तहत स्वैच्छिक सेवाओं के तहत चला रहे हैं। जिसके तहत अब तक 2700 कार्यक्रमों के तहत लगभग 4 लाख लोगों को शिक्षित एवं जागरूक किया जा चुका हैं।

error: Content is protected !!