जल ज्योति की पूजन ही सनातन संस्कार है – किशनानी

अजमेर 11 अक्टूबर। जल और ज्योति की पूजन का संदेश देकर के ईष्टदेव झूलेलाल जी जल समाधि लेकर अंतरध्यान हो गये थे इसीलिए असूचांद का महत्व हमें हमारे संस्कारों से जोडनें का उत्सव है। ऐसे विचार राजस्थान धरोहर सरंक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के सदस्य कवंल प्रकाश किशनानी ने प्रेम प्रकाश आश्रम मार्ग वैशालीनगर स्थित श्री झूलेलाल मंदिर में श्री झूलेलाल सेवा मंण्डली द्वारा 9 से 11 अक्टूबर तक तीन दिवसीय चल रहे ‘‘असूचांद महोत्सव‘‘ के धार्मिक कार्यक्रम में कहे।
महासचिव प्रकाश जेठरा ने बताया कि असुचांद के दिन श्री झूलेलालजी की पवित्र महाज्योत प्राधिकरण सदस्य कवंल प्रकाश किशनानी और गिरधर तेजवानी द्वारा जगाई गई। इस अवसर पर मशहूर गायक महेश चन्द्र एंण्ड पार्टी द्वारा शानदार भजनों और पंजणों का कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसमें ‘‘अज त असांजा भाग भला थिया लाल उडेरो आयो आ‘‘….., मुहिंजों झूंलण त पीरन जो पीर आ जेहिंजी संगत त खंण्ड ऐं खीर आ‘‘ श्री झूलेलाल जी के पंजणें गाये जिन पर उपस्थित भक्त और श्रृद्धालु झूमनें पर मजबुर हो गये।
मंदिर के अध्यक्ष शंकर टिलवानी द्वारा असूचांद के बारे में जानकारी देते हुए असूचांद का महत्व बताया गया। महाआरती मंदिर के ट्रस्टी शंकर टिलवानी, प्रकाश जेठरा, जयप्रकाश मंधाणी, खुशीराम ईसरानी, ईश्वरदास जेसवानी, नेवंदराम बसरमलानी, महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, जी.डी. वरिन्दानी, राम भगतानी, दयाल प्रियानी, रमेश मेघाणी, रमेश रायसिंधानी द्वारा की गई। अंत में पल्लव के साथ डांडिया और छेज लगाई गई।
सुबह मंदिर में झूलेलाल सेवा मण्डली द्वारा भजन, सत्संग, कीर्तन के साथ पल्लव प्रार्थना अरदास की गई जिसमें उपस्थित सभी श्रृद्धालुओं की सुख समृद्धि और निरोगी काया की कामना की गई। साथ ही तीन दिवसीय असुचांद महोत्सव की सम्पन्न हुआ।

(प्रकाश जेठरा)
महासचिव
मो. 9414279062

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