जनाना अस्पताल में टूटी व्हील चेयर पर ग्रामीण महिला का प्रसव होना बेहद शर्मनाक

अजमेर ।अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव शिव कुमार बंसल, ललित भटनागर, युवा कांग्रेस अजमेर देहात के अध्यक्ष राकेश शर्मा राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश महासचिव अजीज खान चीता देहाती कांग्रेस आईटी के अध्यक्ष कपिल सारस्वत अजमेर के राजकीय जनाना चिकित्सालय में चिकित्सा कर्मियों की लापरवाही से व्हील चेयर पर ग्रामीण महिला के प्रसव को शर्मनाक बताया है।
कांग्रेसी नेताओं ने वक्तव्य जारी कर बताया की एक और सरकारी अस्पतालों में प्रसव के लिए सरकार करोड़ों रुपया खर्च कर रही है। ग्रामीण महिला को तो यहां तक सुविधा है कि उसे सरकारी एम्बुलैंस घर से लाएगी और प्रसव के बाद वापस सम्मान से घर छोड़ कर आएगी। अस्पताल में प्रसव निःशुल्क होगा और सरकार की ओर से अनेक लाभ भी मिलेंगे। राजस्थान सरकार की ओर से लड़की के जन्म पर नकद राशि भी दी जाती है और जब लड़की बालिग होती है तो उसे 50 हजार रुपए मिलते हैं। राज्य के सरकारी अस्पतालों में केन्द्र सरकार की अनेक योजनाएं चल रही हैं जिन करोड़ों रुपया खर्च हो रहा है।
उन्होंने बताया की दूसरी ओर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजकीय जनाना चिकित्सालय में ग्रामीण महिला वार्ड में जाने के लिए रिसेप्शन पर ही ट्राॅली के लिए तड़पती रही और टूटी वहील चेयर पर उसका प्रसव हो गया। यह वाक्या नागौर की महिला मंदादेवी के साथ हुआ जब वह प्रसव के लिए अस्पताल पर पहुंची तो पहले उसे वार्ड में ले जाने के लिए ट्राॅली नहीं मिली और जब दर्द ज्यादा होने लगा तो चिकित्सा कर्मियों ने टूटी व्हीलचेयर पर बैठा दिया। अस्पताल के चिकित्साकर्मियों के लिए यह बेहद ही शर्मनाक बात रही कि प्रसव टूटी व्हील चेयर पर ही हो गया। अजमेर के जनाना अस्पताल के चिकित्सा कर्मियों ने टूटी व्हील चेयर पर ही नागौर की महिला मंदादेवी का प्रसव करवा दिया। कल्पना की जा सकती है कि हाथ में ग्लुकोज की सुई के बीच टूटी व्हील चेयर पर प्रसव होने से मंदादेवी को कितनी वेदना हुई होगी? सवाल उठता है कि जब हकदार ग्रामीण महिला को साधनों की जरुरत होती है, तब केन्द्र और राज्य सरकार के साधन कहां चले जाते हैं।
कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि ऐसी शर्मनाक घटनाएं ही सरकार के दावों की पोल खोल देती है। सवाल उठता है कि मंदा देवी का प्रसव सही तरीके से क्यों नहीं करवाया गया? उन्होंने अस्पताल प्रशासन से दोषी चिकित्सा कर्मियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने की मांग की।

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