माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की विश्वसनीयता कायम रहे-डोटासरा

अजमेर 11 जनवरी। शिक्षामंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने कहा है कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं की पिछले कई दशकों से जन-सामान्य में गहरी विश्वसनीयता है, बोर्ड का दायित्व है कि इस विश्वास को समाज में कायम रखें। बोर्ड द्वारा आयोजित दसवीं और बारहवीं के परीक्षा परिणाम के आधार पर ही विद्यार्थी के भावी भविष्य का निर्धारण होता है, इसलिए इसकी कार्यप्रणाली में छोटी सी चूक भी भारी हो सकती है।

श्री डोटासरा शुक्रवार को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में बोर्ड अधिकारियों के साथ बोर्ड की कार्यप्रणाली और वर्ष 2019 की परीक्षाओं की तैयारियों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्कूली पाठ्यपुस्तकों का रिव्यू करवा रही है। इस हेतु गठित समिति की रिपोर्ट के बाद पाठ्यक्रम में आवश्यक बदलाव किये जायेंगे। उन्होंने बोर्ड के संगठनात्मक ढ़ाचे के बारे में बोर्ड सचिव श्रीमती मेघना चौधरी से विस्तृत चर्चा की। बोर्ड सचिव ने बताया कि 20 वर्ष पूर्व बोर्ड में 861 पद स्वीकृत थे जब परीक्षार्थियों की संख्या 08 लाख से भी कम थी। वर्तमान में बोर्ड 40 लाख से भी अधिक परीक्षार्थियों के लिए 10वीं, 12वीं, 8वीं, रीट इत्यादि परीक्षाओं का आयोजन करता है और बोर्ड कार्मिकों की संख्या घटकर मात्र 438 रह गई है। बोर्ड ने मंत्रालयिक भर्ती बोर्ड से गत 4 वर्षों से कई बार रिक्त पदों पर भर्ती की अनुशंषा की, परन्तु भर्ती संभव नहीं हो सकी। शिक्षामंत्री ने कहा कि सरकार बोर्ड कार्मिकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए शीघ्र कार्यवाही करेगी।

शिक्षामंत्री ने बोर्ड द्वारा आयोजित की जाने वाली राज्य प्रतिभा खोज परीक्षा का नाम पण्डित दीनदयाल उपाध्याय राज्य प्रतिभा खोज परीक्षा नामकरण किये जाने पर भी आपत्ति की। बोर्ड अधिकारियों द्वारा बताया गया कि राज्य सरकार के निर्देश पर बोर्ड ने उक्त बदलाव की कार्यवाही की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में इस नोट बनाकर राज्य सरकार को अवगत कराया जाये।

बोर्ड सचिव ने बताया कि बोर्ड परीक्षाओं की सभी तैयारी की जा चुकी है। बैठक में बोर्ड के निदेशक (गोपनीय) जी.के. माथुर ने बताया कि बोर्ड की वर्ष 2019 की मुख्य परीक्षाओं के संबंध में प्रायोगिक परीक्षायें 24 जनवरी से प्रारम्भ होंगी। शिक्षामंत्री ने बोर्ड अधिकारियों को निर्देश दिये कि वर्ष 2018 की परीक्षाओं के बकाया भुगतान का शीघ्र नियमानुसार निस्तारण किया जाये। उन्होंने कहा कि उच्चाधिकार प्राप्त राज्य स्तरीय परीक्षा समिति की बैठक जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में आयोजित की जायेगी, जिसमें बोर्ड परीक्षाओं के सफल संचालन के संबंध में उच्च प्रशासनिक स्तर पर निर्देश जारी किये जायेंगे।
बोर्ड सचिव ने बताया कि बोर्ड पर 10वीं और 12वीं परीक्षा के अतिरिक्त अन्य कई कार्यों की प्रमुख जिम्मेदारी है, जिसमें मुख्यतः 8वीं बोर्ड, रीट परीक्षा आयोजन, विभिन्न छात्रवृत्ति परीक्षा आयोजन और ओपन स्कूल बोर्ड के प्रश्नपत्रों का निर्माण शामिल है। शिक्षामंत्री ने बोर्ड अधिकारियों को आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही बोर्ड के कार्यों की समीक्षा करेगी।

बोर्ड सचिव श्रीमती चौधरी ने शिक्षामंत्री को अवगत कराया कि वर्ष 2010 में जब परीक्षार्थियों की संख्या लगभग 10 लाख थी तब राज्य सरकार ने बोर्ड कार्मिकों द्वारा किये जाने वाले अतिरिक्त कार्यों के भुगतान की सीमा 1 करोड 80 लाख रूपये तय की थी जबकि अब वर्तमान में परीक्षार्थियों की संख्या में कई गुना वृद्धि हो चुकी है परन्तु राज्य सरकार ने इस सीलिंग में कोई वृद्धि नहीं की। शिक्षामंत्री ने निर्देश दिये कि उन्हें इस संबंध में नोट बनाकर आगामी सप्ताह में भेजा जाये। बैठक के प्रारम्भ में बोर्ड सचिव श्रीमती मेघना चौधरी ने शिक्षामंत्री श्री डोटासरा का स्वागत किया और बोर्ड अधिकारियों से परिचय कराया। बैठक में विशेषाधिकारी श्रीमती प्रिया भार्गव, वित्तीय सलाहकार श्रीमती आनन्द आशुतोष, निदेशक – गोपनीय जी.के. माथुर, उपनिदेशक- कमल गर्ग, शिवशंकर अग्रवाल, राजेन्द्र गुप्ता, मंघाराम तोलानी, रामदेव जाट, गोविन्द प्रसाद कोली और सहायक निदेशक राजेन्द्र पारीक सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

बोर्ड मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौड और महामंत्री अनिल कुमार शर्मा के नेतृत्व में श्री डोटासरा का साफा व माला पहनाकर स्वागत किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बंसल ने बुकें भेट किया। कर्मचारी संघ ने अपनी मांगों के संबंध में शिक्षामंत्री को ज्ञापन सौंपा। कर्मचारी शिष्ट मण्डल में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय बंसल, रविशंकर उबाना, कृष्ण गोपाल कुमावत, नरेन्द्र जैन, रमेश पंचोली, उम्मेद सिंह गहलोत शामिल थे।

उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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