दादाबाड़ी में विराजे भगवान संभवनाथ

विनयकुशलमुनि की निश्रा में हुई प्राण-प्रतिष्ठा, मंदिर शिखर पर चढ़ाया स्वर्ण कलश
ब्यावर, 19 जनवरी। शहर की जैन दादाबाड़ी में शनिवार को तीसरे तीर्थंकर भगवान संभवनाथ की भव्य अंजनशलाका प्रतिष्ठा हुई। गणाधीश पंन्यासप्रवर विनयकुशलमुनि की पावन निश्रा में प्राण-प्रतिष्ठा पूजा की गई। सुबह शुभ मुहूर्त में जैसे ही परमात्मा की प्रतिमा स्थापित हुई तो पूरा मंदिर प्रांगण जिन शासन के जयकारों से गूंज उठा। हर श्रावक जयकारे लगाते हुए झूम रहा था। परमात्मा की प्रतिमा स्थापित करने के बाद मंदिर शिखर पर स्वर्ण कलश व ध्वजा चढ़ाई गई। मानवरहित हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। पूज्य संत नंदीषेणमुनि, विरागमुनि, भव्यमुनि, निरंजना श्रीजी, हर्षयशा श्रीजी, गुणरंजना श्रीजी, मधुस्मिता श्रीजी, मुक्तांजना श्रीजी, अमृतांजना श्रीजी, मोक्षांजना श्रीजी, मोक्षरतना श्रीजी, सुरक्षांजना श्रीजी, विरतीयशा श्रीजी, विनम्रयशा श्रीजी, विधिरत्ना श्रीजी म.सा. सहित देशभर से आए श्रावक परमात्मा की प्रतिष्ठा के साक्षी बने। प्रतिष्ठा के बाद अष्टोतरी स्नात्र महापूजन किया गया। कार्यक्रम में महोत्सव संयोजक सुरेश कांकरिया, संघ अध्यक्ष सतीश मेड़तवाल, मंत्री महेंद्र छाजेड़, प्रेमचंद कांकरिया, चेतन हालाखण्डी, बलवंत रांका, कुशल कांस्टिया, बिरदीचंद चौपड़ा, ललित डाकलिया, राकेश भंडारी, राकेश डोसी, निशा चौपड़ा, सुशीला कोठारी, रेणु चौपड़ा, नितिन तातेड़, अरिहंत कांकरिया, मितेश चौपड़ा सहित सकल जैन समाज के सदस्य शामिल हुए। रविवार को सुबह द्वार उदघाटन, सत्तर भेदी पूजन व दादा गुरुदेव का पूजन होगा।

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