उर्स में पाक जत्थे पर अनिश्चितकालीन रोक लगाए

अजमेर 15 फरवरी। सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के वंशज एवं वंशानुगत सज्जादा नशीन दरगाह दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने कहा सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला पाकिस्तान की कायराना हरकत है भारत सरकार अजमेर में आयोजित होने वाले आगामी उर्स में पाक जत्थे पर अनिश्चितकालीन रोक लगाए तथा पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त करते हुए पाकिस्तान उच्चायोग को तत्काल भारत से लौटने के निर्देश दिए जाएं।

जम्मू कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को सीआरपीएफ के काफिले पर आई एस आई समर्थित आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के आतंकियों द्वारा किए गए कायाराना हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए दरगाह दीवान अजमेर द्वारा शुक्रवार को जारी बयान में प्रमुख रूप से इस मांग को उठाया की मार्च 2019 में अजमेर में होने वाले सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के सालाना उर्स में आने वाले पाकिस्तानी जत्थे को तत्काल आदेश से रोका जाए उन्होने आरोप लगाया कि पिछले कुछ सालों में यह तथ्य सामने आया है कि धार्मिक यात्रा के नाम पर आने वाले इस जत्थे में यात्री आई एस आई द्वारा भारत में अपने संपर्कों को साधने के लिए भेजा जाता रहा है इस गोपनीय तथ्य को कई मर्तबा देश की खुफिया एजेंसियों ने सरकार के समक्ष रखा है परंतु राजनीति एवं कूटनीतिक बंदिशों के कारण भारत सरकार लगातार पाकिस्तानी जत्थे को अजमेर दरगाह पर आने की इजाजत देता रहा है लेकिन आई एस आई अपनी उन करतूतों से बाज नहीं आया है जिसमें उसने धार्मिक यात्रा पर आने वाले जत्थे में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंटों को लगातार जत्थे में भेजने का सिलसिला जारी रखा हुआ है जो देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरनाक है इसलिए दरगाह दीवान ने सरकार से मांग की कि आगामी धार्मिक आयोजन में पाक जत्थे को किसी भी सूरत में इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।

दरगाह दीवान ने कहा कि पाकिस्तान ने पिछले 5 वर्षों में 28 आतंकवादी हमले विभिन्न आतंकवादी संगठनों के जरिए देश पर करवाए हैं और यह प्रमाणित भी हो चुका है कि जब गुरुवार के हमले की आई एस आई समर्थित संगठन जैश ए मोहम्मद ने सीधे तौर पर जिम्मेदारी ली है इसलिए भारत सरकार को संवेदनशीलता से संज्ञान लेते हुए पाकिस्तान से राजनयिक संबंध समाप्त करते हुए पाक उच्चायोग के दफ्तर को तत्काल प्रभाव से बंद करने तथा पाकिस्तान की गतिविधियों को भारत से समाप्त करने के लिए पाकिस्तान उच्चायोग को तत्काल भारत छोड़ने के निर्देश जारी किए जाएं पाकिस्तान लगातार आतंकी संगठनों को समर्थन करके वैश्विक स्तर से प्रमाणित राजनयिक नियमों कायदों का लगातार उल्लंघन करता रहा है जिसका सीधा असर देश की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि न सिर्फ पाकिस्तान उच्चायोग के दफ्तर समाप्त कर उच्चायुक्त को पाकिस्तान रवाना किया जाए बल्कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त को भी इस हमले का विरोध दर्ज करते हुए वापस भारत बुला लिया जाए।

उन्होंने सरकार से धर्म गुरु होने के नाते यह मांग की के पाक सर्मर्थित आतंकी संगठनों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही उसी तरह की जाए जिस तरह इजराइल अमेरिका और अन्य देशों द्वारा की जा रही है इसलिए पाक समर्थित आतंकियों के ठिकानों की शिनाख्त कर के भारतीय सेना द्वारा सीधी कार्रवाई की जानी चाहिए उन्होंने कहा कि ऐसे समय में देश की जनता सरकार और भारतीय सेना के साथ पूरे समर्थन के साथ खड़ी है इसलिए सरकार को देश की सेना को सीधी कार्रवाई की पूरी छूट दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुवार के हमले के बाद शहीद हुए जवानों की शहादत को केवल नमन करके ही इतिश्री नहीं करनी होगी बल्कि देश में छिपे गद्दारों को चुन चुन कर निकालना होगा इसके अलावा यदि पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर हवाई हमला करना हो तो सेना को पूरी छूट देकर जैसे मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को मारकर आतंकवाद का पूर्ण खात्मा करने पर निर्णायक लड़ाई की आवश्यकता है।

उन्होने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुऐ इसे गैर इस्लामी करार दिया। उन्होने कहा कि बेगुनाहों को कायरतापूर्ण तरीके से हमला करके जान माल को नुकसान पहुचाना इस्लाम के मौलिक सिद्धांतों का उलंघन है इस लिये वैष्विक स्तर पर पाक समर्थिक आतंकी संगठन जेश मोहम्ममद का और पाकिस्तान का बहिष्कार करने चाहिए इस पहल भारत सरकार को करनी होगी के भारत सरकार पाक उच्चायुक्त को तुरंत भारत छोड़ने का आदेश देकर पाना विरोध सार्वजनिक करे। आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के लिए मोदी सरकार को सरकारी नौकरी एवं 1 करोड़ रुपए मुआवजा राशि के रूप में देनी चाहिए तथा इसके अलावा राजस्थान के शहीद हुए 4 जवानों के लिए दरगाह दीवान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रत्येक परिवार को सरकारी नौकरी और 50 लाख मुआवजा देने की मांग की।

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