प्यार सजाता है गुलशन को और नफरत वीरान करे।

केकड़ी:- प्यार,नम्रता, सहनशीलता संतो के गहने हैं इन गहनों को मानव जीवन में धारण करने से जिंदगी सहजता से गुजरती है,कहा भी गया है कि प्यार से जाता है गुलशन को और नफरत वीरान करे उक्त उद्गार संत कालूराम ने अजमेर रोड स्थित संत निरंकारी सत्संग भवन पर आयोजित सत्संग के दौरान व्यक्त किए।
मंडल के मीडिया सहायक राम चंद टहलानी के अनुसार संत कालूराम ने कहा कि मैं (आत्मा) नहीं मरती,शरीर मरता है हमें शरीर से ऊपर उठकर जीवन जीना है जिसने इंसान किसी भी प्रकार का रंजोगम, फिकर नहीं करता है हर पल आनंदित रहकर औरों को भी जीवन जीने की कला सिखाता है।
सभी का आदर से,अदब से, सरकार से प्रभु का रूप समझकर व्यवहार करना है।
क्योंकि परमात्मा की अंश आत्मा सभी में समान रूप से मौजूद है।
ज्ञान भरी नजर से सब का सत्कार करना है जिससे लोक सुखी और परलोक सु हेला हो जाता है।इंसान को संतो का संग कर सद्गुरु की शरण में जाकर अपना ध्यान सत्य चेतन,अकाल पुरख, प्रभु परमात्मा से जोड़ना है, यह कायम रहने वाली सत्ता है जो पहले भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी। मानव जीवन का मुख्य लक्ष्य परमात्मा का बोध होना बताया गया है और यह संत की शरण में जाकर प्रभु परमात्मा को देखा जा सकता है जाना जा सकता है। जिस ने देख लिया जान लिया समझ लिया वह फिर हर क्षण आनंदित रहता है फिर परमात्मा से जुड़कर ही इंसान ठहराव पाता है नहीं तो दुनिया की चकाचौंध में, अंधी दौड़ में इंसान भागदौड़ कर अपने आप में हैरान परेशान ही हो रहा है, प्रयास करें कि हर पल दु:ख में, सुख में परमात्मा चिंतन- मनन होता रहना चाहिए।
जिससे मन शांत होता है।हर पल प्रभु परमात्मा की रजा में रहकर जीवन जीना है।
सत्संग के दौरान आशा, निशा,रोहित,गोपाल, संगीता, दिव्या ,विवेक, समृद्धि, नरेश ,मोहित आदि ने गीत,विचार,भजन प्रस्तुत किए संचालन केकड़ी ब्रांच मुखी अशोक रंगवानी ने किया।

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