मेले में फर्जी बिलों से भुगतान उठाने का आरोप

*एक और जांच की तैयारी.. पालिका के प्रतिपक्ष नेता आसिफ हुसैन ने की चिकित्सा मंत्री को शिकायत, मेले में फर्जी बिलों से भुगतान उठाने का आरोप !*
*शिकायत पर चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा ने दिए डीएलबी को जांच के निर्देश, निदेशक ने शुरू की जांच की प्रक्रिया*

तिलक माथुर
राज्य का स्वायत्त शासन विभाग केकड़ी नगर पालिका की एक और जांच की तैयारी कर रहा है इससे पहले डीएलबी नगर पालिका द्वारा पिछले तीन सालों में कराए गए विकास कार्यों, अतिक्रमण तथा अनाधिकृत निर्माण, अनाधिकृत रूपांतरण व पट्टे से सम्बंधित तीन जांचे करा चुका है। जांच पर जांच से नगर पालिका के अधिकारी व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। उल्लेखनीय है कि पालिका के प्रतिपक्ष नेता एडवोकेट आसिफ हुसैन ने गत सितंबर माह में पालिका द्वारा आयोजित तेजा मेले में नियमों के विपरीत स्वीकृत बजट से डेढ़ गुना अधिक फिजूल खर्च करने का आरोप लगाते हुए राज्य के चिकित्सा मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डॉ रघु शर्मा को शिकायत की है साथ ही उन्होंने सम्बंधित बिल व दस्तावेज भी बतौर सबूत पेश किये हैं। पालिका के नेता प्रतिपक्ष की शिकायत पर चिकित्सा मंत्री डॉ शर्मा ने डीएलबी के निदेशक को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। प्रतिपक्ष नेता एडवोकेट हुसैन ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि पालिकाध्यक्ष अनिल मित्तल ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मेले में फिजूलखर्ची की है। उन्होंने बताया कि पालिका द्वारा मेले में स्वीकृत बजट से अधिक 22 लाख 97 हजार 161 रुपये खर्च किये हैं जबकि बोर्ड की बैठक में बहुमत के आधार पर 15 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया था। हुसैन ने यह भी जानकारी दी है कि विगत 13 सालों का औसत सालाना मेला खर्च निकाला जाए तो वह करीब 5 लाख रुपये आता है, जबकि 2018 विधानसभा चुनाव होने व पालिकाध्यक्ष की भी दावेदारी होने के कारण पालिकाध्यक्ष ने पूरे विधानसभा क्षेत्र में अपने प्रचार प्रसार के लिए बैनर लगवाये तथा क्षेत्र की 51 ही पंचायतों से भाजपा पदाधिकारियों को बुलाकर उपकृत किया। उन्होंने बताया कि अभी तो फोटोग्राफी व वीडियोग्राफी सहित कई बिल और आने बाकी हैं, जिन्हें अभी इस खर्चे में शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पालिकाध्यक्ष द्वारा अपनी पत्नी का जन्मोत्सव भी मेले के सांस्कृतिक कार्यक्रम में सरेआम मनाया गया तथा जन्मदिन का खर्चा भी जनता के माथे मढ़ दिया गया। वहीं उन्होंने बताया कि मेले में भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं को महंगे उपहारों से उपकृत किया गया। आसिफ हुसैन ने आरोप लगाया है कि मेले में कई बिल फर्जी लगाकर उसका भुगतान उठा लिया गया। उन्होंने बताया कि फर्जी बिल बनाने वाले और कोई नहीं नगरपालिका का ठेकेदार है। उन्होंने बताया कि पालिका के ठेकेदार मैसर्स आर.के.कंस्ट्रक्शन द्वारा 1 लाख 40 हजार 784 रुपये का बिल मोमेंटो व 76 हजार 100 रुपये का बिल साफा, पगड़ी व शॉल आदि का बिल अपनी फर्म के नाम से प्रस्तुत कर भुगतान उठाया गया है। जबकि मैसर्स आर.के.कन्स्ट्रक्शन पालिका के सिविल निर्माण कार्यों के लिए अधिकृत फर्म है। यह फर्म न तो मोमेंटो बेचने का काम करती है और न ही साफे, पगड़ी व शॉल आदि बेचती है। कुल मिलाकर फर्म द्वारा फर्जी बिल प्रस्तुत किये गए हैं जबकि माल कहीं और से खरीदा गया है। उन्होंने बताया कि जांच में और कई बिलों के फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है। प्रतिपक्ष नेता ने अपनी शिकायत में और भी फर्जी बिलों का जिक्र किया है। कुल मिलाकर जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा फिजूल खर्च करने का किसी को अधिकार नहीं। आखिर क्या जरूरत थी मेले में लाखों रुपया फिजूल खर्च करने की, न तो इस ओर तत्कालीन विधायक ने जानने व रोकने की कोशिश की ओर न ही भाजपा सरकार ने ! अब जब फिजूल खर्च व फर्जीवाड़ा कर ही दिया है तो आवाज जो उठेगी ही और जवाब भी देना पड़ेगा। आखिर जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपए बर्बादी का सवाल है !

तिलक माथुर
*केकड़ी_अजमेर*
*9251022331*

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