10 वर्ष की आयु में पवित्र कुरआन शरीफ का अध्ययन किया

अजमेर, 12 जुलाई । ख्वाजा साहब के गद्दीनशीन एस. एफ. हसन चिश्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि सैयद फजलुल वली चिश्ती पुत्र एस. एफ. हसन चिश्ती ने 10 वर्ष की आयु में पवित्र कुरआन शरीफ का अध्ययन किया। इस आयु की उम्र में बहुत ही कम बच्चे कुरआन शरीफ पढ़ पाते है। ऐसे बच्चों की इस्लाम में बड़ी मान्यता होती है। सैयद फजलुल वली चिश्ती अजमेर सेंट एन्सलम्स स्कूल में कक्षा पंाच में अध्ययनरत है। इसी सिलसिले में 13 जुलाई की शाम छह बजे आहता-ए-नूर दरगाह शरीफ में एक कार्यक्रम रखा गया है जिसमें सैयद फजलुल वली चिश्ती कुरआन शरीफ पढ़कर लोगों को सुनायेगा। इस पढ़ के सुनाने को आमीन कहते हैं। कार्यक्रम की शुरुआत पवित्र कुरआन की आयत से की जायेगी। नात मनकबत के नजराने पेश किये जायेंगे। पवित्र कुरआन पर प्रकाश डाला जायेगा। बाद फातेहा के दुआ होगी व तबर्रुख बांटा जायेगा।

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