पारिवारिक वानिकी कार्यक्रम से जुड़े जिले के शिक्षक

केकड़ी 17 जुलाई। पारिवारिक वानिकी के प्रणेता व डूंगर कॉलेज बीकानेर के प्रोफेसर श्यामसुन्दर ज्याणी की प्रेरणा से जिलेभर के नवाचारी शिक्षक हरित कार्यक्रमों से समुदाय को जोड़ने के लिए विभिन्न नवाचार कर उन्हें प्रेरित करेंगे।

पारिवारिक वानिकी अभियान के जिला संयोजक प्रेमचन्द कुमावत ने बताया कि अजमेर जिले में इस मुहिम के अन्तर्गत अध्यापिका विमला नागला केकडी, मनीष दाधीच चैच्या का खेड़ा, दिनेश वैष्णव मण्डा, नितेश कुमार योगी मसूदा, रितु झारोटिया कोहड़ा, जगदीश चन्द्र गुर्जर बाजटा, ओमप्रकाश जांगिड़ देवगांव, धीरेन्द्र कुमार शम्भूनगर, गिरिजाशंकर शर्मा दयालपुरा, गणेशलाल लौहार आनन्दपुर, हनुमान कुमावत पीपलाज, ओमप्रकाश पीसांगन, अमित शर्मा किशनगढ़, मनोज कुमार श्रीनगर, बजरंग कुमावत सरवाड़, दिलीप चारण भिनाय, कैलाशचन्द शर्मा अराई व प्रहलाद खारोल सरवाड़ आदि शिक्षक सभी लगाए जाने वाले पौधों के पेड़ बनने तक उनकी देखभाल करने के लिए समुदाय को प्रेरित करेंगे।

*2114 पौधे लगाकर पेड़ बनाने का लक्ष्य*
पारिवारिक वानिकी से जुड़े शिक्षक दिनेश वैष्णव ने बताया कि इस मुहिम के तहत जिले भर में 2114 पौधे लगाकर उनके पेड़ बनने तक की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

*क्या है पारिवारिक वानिकी*
पारिवारिक वानिकी का अर्थ है पेड़ और पर्यावरण संरक्षण को प्रत्येक परिवार अपनी पारिवारिक जिम्मेदारी समझकर परिवार के सदस्य की भांति इनकी देखभाल करें। इसके तहत सभी पौधों का नामकरण भी किया जाएगा।

*कैसे हुई शुरुआत*
पारिवारिक वानिकी अभियान की शुरुआत आज से 15 वर्ष पूर्व पर्यावरण प्रेमी व डूंगर कॉलेज बीकानेर में समाजशास्त्र के विभागाध्यक्ष व एसोसिएट प्रोफेसर श्याम सुन्दर ज्याणी ने की। इन्हें इस कार्य के लिए दो बार 2012 व 2016 में राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।

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