ब्यावर, 25 अगस्त। हार्टफुलनेस संस्थान ने माताजी का खेड़ा में ग्रामीणों के साथ ग्रामोत्सव मनाकर उन्हें दैनिक जीवन में आध्यात्मिकता का अनुभव करवाया।
हार्टफुलनेस संस्थान के क्षेत्रीय समन्वयक श्री तरूण तोषनीवाल ने बताया कि भिनाय के पास स्थित माताजी का खेड़ा में रविवार को संस्थान के द्वारा ग्रामीणों के साथ ग्रामोत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम में जीवन को जीवन के भौतिक तथा आध्यात्मिक पक्षों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। जीवन मंे सन्तुलन के लिए भौतिक तथा आध्यात्मिक पहलुओं का समान महत्व है। जिस प्रकार पक्षी को उड़ने के लिए दोनों पंखों की आवश्यकता होती है। उसी प्रकार मानव को भी सन्तुलित जीवन जीने के लिए दोनों पक्षों का समन्वय बनाए रखा जाना चाहिए।
कार्यक्रम में मसूदा के श्री हरीओम शर्मा ने कहा कि व्यक्ति के सकारात्मक विकास में जीवन मुल्यों का अपना महत्व होता है। व्यक्ति को काम, क्रोध, मद तथा लोभ से बचने के लिए अपना आत्मिक शुद्धिकरण करना चाहिए। इसके लिए उसे अपने समस्त दैनिक कार्यों से निवृत्त होने के पश्चात् ईश्वर से अपनी आत्मा को शुद्ध करने के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। इस प्रक्रिया को अपनाकर व्यक्तित्व में से नकारात्मक बातों को हटाकर सकारात्मकता में वृद्धि की जा सकती है।
भीलवाड़ा की श्रीमती सीता श्रीमाली ने कहा कि जब भी समय मिले हमें ईश्वर को याद करते रहना चाहिए। ईश्वर हमें एक पल के लिए भी नहीं भूलता है। अगर वह भूल जाए तो हमारा अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा। ऐसे मेें हमें नियमित रूप से ईश्वर को हमेंशा याद रखना आवश्यक है। ईश्वर की स्तुति के लिए इधर उधर भटकने के बजाय उसे अपने हृदय में ढूंढ़ना चाहिए। नियमित ध्यान करके हृदय में स्थित ईश्वर तक के मार्ग को सरल एवं सहज बनाया जा सकता है।
अजमेर के श्री शैलेष गौड़ ने कहा कि आध्यात्मिक क्षेत्र में उन्नति के लिए नियमितता अतिआवश्यक है। इसके अभाव में व्यक्ति की आध्यात्मिक सम्पदा में अपेक्षित अभिवृद्धि सम्भव नहीं है। रोजाना प्रातःकालीन ध्यान, सायंकालीन आत्मिक शुद्धिकरण एवं रात्रिकालीन प्रार्थना करने से व्यक्ति को अपनी आध्यात्मिक उन्नति दृष्टिगोचर होने लगती है। व्यक्ति के स्वभाव एवं विचारों के स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन आने लगता हैै।
इस अवसर पर योग प्रशिक्षक श्री नितेन्द्र उपाध्याय, हार्टफुलनेस प्रशिक्षक श्री गिरीश गुप्ता, श्री हनुत सिंह, ब्यावर के श्री राकेश गहलोत, श्री अशोक साहु, भिनाय के श्री श्याम सुन्दर कछोट, मसूदा के श्री रामचन्द्र गोयल, श्री जीवन प्रजापत, बान्दनवाड़ा के श्री सत्यनारायण लूणीया, बिजयनगर के श्री तिलोक चन्द जांगीड़, जालिया द्वितीय के श्री रमेश टेलर एवं श्रीमती कलावती तथा स्थानीय समन्वयक श्री गुलाब राईका, सरपंच श्री रामजी राईका उपस्थित थे।