मन वचन व काम की कुटिलता का अभाव ही आर्जव धर्म है

अजमेर 05 सितम्बर – पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला, अजमेर में दस दिवसीय पयूर्षण पर्वराज के उपलक्ष में तृतीय दिन पर ‘‘उत्तम आर्जव धर्म’’ मनाया गया। पर्यूषण पर्व का हर दिन जीवन को उत्तम बनाने का संदेष देकर जाता है। इस मौके पर ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी, नेहा दीदी व खुषबु दीदी के सानिध्य में जयकारों के साथ अभिषेक व शांतिधारा सम्पन्न हुई।
नवकार महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती सरिता जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि सभी श्रावकगण शरीर व आत्मा की पवित्रता हेतु व्रत उपवास कर रहे है। साथ ही पूर्ण भक्ति भाव से नृत्यों के साथ वीर प्रभु की पूजन में तल्लीन है। प्रतितिदन सांयकालीन आरती भी बड़े अति उत्साह व उमंग से की गई। इसी क्रम में 1 मीनट प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया जिसमें समाज की बालक-बालिकाओं व महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
सभा को सम्बोधित करते हुए ‘‘उत्तम आर्जव धर्म’’ पर ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी व नेहा दीदी ने कहा कि आर्जव का नाम सरलता है, मन वचन व काम की कुटिलता का अभाव ही आर्जव धर्म है। कुटिलता व मायाचारी ही अषुभ कर्म का बंध करने वाली है। मायाचारी, छल कपटी मनुष्य के मनोभावों का पता नहीं चल सकता है वह जो कुछ भी सोचता है वैसा बोलता नहीं, जैसा बोलता है वैसा करता नहीं। मन, वचन, व काम की क्रियायें तीनो ही विभिन्न धाराओं में बहा करती है। संसार में जो पांखड फैला हुआ है वह मायाचारी का ही विकसित रूप है। मायाचारी सिर्चंच गति का पात्र होता है। मन, वचन, काय की कुटिलता को छोड़ कर ही संसार समुद्र से पार हो सकते है। इसलिए मायाचारी का परिहार कर आर्जव धर्म को धारण करना चाहिये।
इसी क्रम में कल दिनांक 06 सितम्बर शुक्रवार को प्रातः 6ः30 बजे से मंगलाचरण (मंगलाष्टक), 7ः00 बजे श्रीजी का अभिषेक व 7ः15 बजे से विष्व शांति की कामना व समस्त जीवों के कल्याण हेतु ब्रहद् शांतिधारा ब्रहमचारणी बहन संगीता दीदी द्वारा सम्पन्न करवाई जायेगी। तत्पष्चात् संगीतमय नित्य नियम पूजा व दस लक्षण महामंडल विधान किया जायेगा। इसके साथ ही सांय 6ः40 बजे से सामूहिक आरती, प्रवचन व सांस्कृतिक कार्यक्रमों भी पल्लीवाल दिगम्बर जैन मंदिर पाल बीचला में आयोजित किये जायेेगे।

(सरिता जैन)
अध्यक्षा
मो. 9530292776

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