पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी संगठन मिलकर करेंगे काम – दत्तात्रेय होसबोले

पेड लगाओ , प्लास्टिक छोडो, जल बचाओ बनायेंगे समाज का जनांदोलन।
सीमा क्षेत्र के प्रश्नों के समाधान के लिए समाज को जागरुक करने का किया निश्चय।

पुष्कर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय समन्वय बैठक 9 सितंबर सायं को संपन्न होगी। बैठक में 36 संगठनों के 195 कार्यकर्ता उपस्थित थे। बैठक में ना ही कोई प्रस्ताव पारित होता है ना ही यह कोई निर्णय लेने का मंच है। सभी संगठन स्वतंत्र एवं स्वायत्त हैं। बैठक का हेतू जानकारियों एवं अनुभवों का आदान-प्रदान, एक दूसरे के प्रयोगों-उपलब्धियों से प्रेरणा प्राप्त करना है। गत वर्ष मंत्रालय बैठक में सभी संगठनों ने ‘पेड लगाओ-जल बचाओ-प्लास्टिक का उपयोग कम करें’ का लक्ष्य लेकर काम करना प्रारंभ किया है तथा समाज जीवन में आ रहे सांस्कृतिक क्षरण को रोकने के लिए भी प्रयास प्रारंभ किये हैं। इन सभी विषयों पर सबने अपने अपने संगठनों में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। यह जानकारी संघ के सह सरकार्यवाह दतात्रेय होसबोले ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि आगामी समय में मध्यवर्ती क्षेत्र के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, विकास और संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन सुनिश्चित करना आदि विषयों को लेकर विशेष प्रयास किया जायेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में शिक्षा, विकास, रोजगार के लिए सरकार के साथ समाज का भी दायित्व है, इस भाव को लेकर समाज जागरण, प्रबोधन के कार्यक्रम सभी संगठन लेंगे। उन सीमावर्ती क्षेत्रों में सभी संगठनों के द्वारा राष्ट्रभाव जागरण के साथ वहाँ का समाज सुखी, स्वावलंबी हो, ऐसा प्रयास किया जाएगा। राष्ट्रीय नागरिक पंजीयिका (एन आर सी) का उन्होंने स्वागत किया और उसमें जो कमियां रह गई हैं, उनको दूर करने का उन्होंने आवाहन किया। आरक्षण पर पूछे गये प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि संघ आरक्षण की संवैधानिक व्यवस्था का समर्थन करता है, जब तक समाज में भेदभाव है तब तक यह व्यवस्था चलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने हाल ही में जम्मू एवं कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया। इससे समूचे देश में खुशी की लहर है। अब इस क्षेत्र में विकास की जरूरत है। संघ समेत सभी संगठन बीते कई साल से एक राष्ट्र, एक संविधान, एक निशान की मांग करते रहे हैं। कश्मीर और लद्दाख में संघ द्वारा किए जा रहे सेवा कार्यों ने वहां राष्ट्रभाव को मजबूत किया है। कश्मीर में कुछ राजनेताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं, सरकार ने तथ्यों, सबूतों के आधार पर राष्ट्रहित में ही फैसला लिया है। पूर्ववर्ती सरकारें तो कुर्सी बचाने के लिए किसी भी हद तक चली जाती थीं।
स्वदेशी उत्पादों को लेकर स्वदेशी जागरण मंच द्वारा चलाए गए आंदोलनों के परिणाम स्वरूप चीनी माल की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है। स्वदेशी की यह भावना केवल अभियानों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए।

राजेन्द्र लालवानी
सह प्रान्त प्रचार प्रमुख
चित्तोड़ प्रान्त
9829070055

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