’’क्योंकि अपनी पसन्द रखता हूँ ख्वाहिशें भी मैं चंद रखता हूँ‘‘

अजमेर 18 सितम्बर। ’’क्योंकि अपनी पसन्द रखता हूँ ख्वाहिशें भी मैं चंद रखता हूँ‘‘ गजल को जब वरिष्ठ सर्जन व गजलकार डॉ. ब्रजेश माथुर ने गुनगुनाया तो पूरा सदन तालियों से गूंज गया। डॉ. माथुर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने राजभाषा क्रियान्वयन द्वारा आयोजित हिन्दी सप्ताह के चौथे दिन हुई काव्य गोष्ठी में गजल सुना रहे थे। काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ गजलगो को गोपाल गर्ग से श्रृंगार रस की गजल ’’भूलने की मुझे कर रही थी दुआ, पर दुआ में मुझे मांगती सी लगी, वो मुझे ही मुझे देखती सी लगी‘‘ तरन्नुम में सुनाई। युवा गीतकार गौरव दुबे ने मुक्तक से शुरूआत करते हुए गीत ’’सम्बन्ध बचाने की खातिर अनुबन्ध बनाने पडते है जीवन की खातिर सांसो पर प्रतिबन्ध लगाने पडते है‘‘ सुनाया। गजलकार सादीक अली ने ’’सरजमीं ये आदम की ख्वाजा का आसमान है मेरा हिन्दुस्तान है ये अपना हिन्दुस्तान है‘‘ गीत प्रस्तुत किया तो श्रोता भी साथ में गाने लगे।
शिक्षाविद् व आधुनिक कविता के सिद्ध हस्ताक्षर डॉ. अनन्त भटनागर ने ’’अब नहीं रहा वह समय कि कबूतर के हाथ भेजे संदेश‘‘ के द्वारा मोबाइल से उत्पन्न स्थितियों पर कटाक्ष किया तथा ’’वो मोटरसाईकिल वाली लडकी‘‘ कविता सुनाकर समाज की स्थिति को इंगित किया। कवयित्री डॉ. विनीता जैन ने अपनी नई कविता ’’वो बचपन के जमाने नहीं आते‘‘ सुनाई। संयोजक उमेश कुमार चौरसिया ने स्त्री के अन्तर्मन का चित्रण करते हुए ’’नारी देह के भीतर अनछुआ रह गया मन‘‘ कविता प्रस्तुत की।
इस अवसर पर बोर्ड कार्मिकों के लिए काव्य पाठ प्रतियोगिता भी हुई जिसमें लक्ष्मण पंजाबी, अविनाश भारद्वाज, पुष्पा साहनी, वीना नानवानी, विनीता रंगा, अर्चना पारीक, पुष्पा टेकचंदानी, प्रकाश पुरोहित, रेखा गहलोत व जगदीश विजयवर्गीय सहित 25 प्रतिभागियों ने काव्य रचनायें प्रस्तुत की। राजीव चतुर्वेदी व ब्रजेश शर्मा ने भी कवितायें सुनाई। प्रारम्भ में देवराज खींची, विनीता रंगा, श्रीमती उषा वशिष्ठ, योगेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन बोर्ड के निदेशक गोपनीय जी.के. माथुर ने करते हुए सभी अतिथि कविगण का परिचय भी दिया। संजय तायल ने आभार प्रकट किया।
गुरूवार 19 सितम्बर को हिन्दी सप्ताह का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह अपराह्न 3.30 बजे राजीव गांधी सभागार में होगा। समारोह में मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. चन्द्र प्रकाश देवल होंगे। विशिष्ट अतिथि अलवर के प्रसिद्ध कवि व आलोचक जीवन सिंह रहेंगे तथा अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. बद्री प्रसाद पंचोली करेंगे। इस अवसर पर हिन्दी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी रखा गया है।

उप निदेषक (जनसम्पर्क)

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