अतिक्रमण मुक्त होगी चरागाह विकास की भूमि

बायोफ्यूल प्राधिकरण ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार आज सराधना ग्राम पंचायत, पंचायत समिति पीसांगन में बंजर भूमि एवं चारागाह विकास की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया इस कार्यशाला में ग्राम वासियों को चारागाह का विकास की महत्ता के बारे में विस्तार से समझाया गया, जलग्रहण विभाग के सहायक अभियंता कपिल भार्गव ने बताया कि चरागाह भूमि पर दावा स्थापित करना चरागाह भूमि को सुरक्षित रखना ग्राम पंचायत एवं ग्राम स्तरीय संस्थाओं का गठन करना चरागाह भूमि का विकास करना संबंधी जानकारी इसी प्रकार राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51 एवं 52 के अंतर्गत पंचायत समितियों के कार्यों एवं अधिकारों की जानकारी देने हेतु जिले में इस तरीके के प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, विकास अधिकारी पीसांगन विजय सिंह चौहान ने बताया, महात्मा गांधी नरेगा योजना से ग्राम पंचायत सराधना में माताजी मंदिर के पास चरागाह विकास एवं वृक्षारोपण 21 लाख कार्य स्वीकृत किए गए हैं जिसमे बायोफ्यूल को बढ़ावा देने संबंधी पौधारोपण अडूसा , शीशम, नीम, खेजड़ी के पौधे लगाए जाकर मॉडल चरागाह बनाना है, अगर की सुरक्षा एवं रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कार्यशाला में सहायक अभियंता शलभ टंडन एवं कपिल भार्गव, श्री रविंद्र जोधावत, कनिष्ठ अभियंता पंचायत समिति पीसांगन श्रीमती आशा जाटोलिया, जिला जिला प्रशिक्षण समन्वयक चांदनी हाड़ा, सराधना के नवनिर्वाचित सरपंच हरिकिशन जाट, ग्राम विकास अधिकारी मनीष जेसवानी , पंचायत सहायक सोहन सिंह, एलडीसी रुबीना बानो, एफईएस संस्था से कैलाश शर्मा, द्वारा चारागाह विकास की जरूरत और उससे मिलने वाले फायदे के बारे में लोगों को जागरूक किया गया नवनिर्वाचित सरपंच हरिकिशन जाट द्वारा चारागाह भूमि को अतिक्रमण मुक्त करना ग्राम पंचायत की प्रथम जिम्मेदारी होगी, रविंद्र जोधावत सहायक अभियंता पंचायत समिति पीसांगन ने कहां “एक मुट्ठी आनाज एवं एक तगारी खाद, ना देखो जात पात , करो चरागाह विकास” एक नारा नहीं बल्कि एक सोच है इस के अनुसरण मे समस्त मनरेगा लेबर काम करेंगी , शलभ टंडन सहायक अभियंता ने त्रिस्तरीय बंजर भूमि और चारागाह विकास समिति सरकारी आदेश 2017 के बारे में जिसमें जिला, ब्लाक, पंचायत और ग्राम चरागाह भूमि विकास समितियों गठन का प्रावधान पंचायत राज नियम 1996 धारा 170 की जानकारी के साथ सामुदायिक भूमि निर्धारण प्रक्रिया अंतर्गत चारागाह संबंधी कानून एवं नीतिगत प्रावधान जानकारी दी, उपस्थित वार्ड पंच एवं ग्रामवासियों, मेट लक्ष्मण सिंह लामाना, उमेद सिंह किशनपुरा, जलाल अहमद नाथू कला डोडियाना, हुकम सिंह गोवलिया, मूल सिंह राजपूत कड़ेल, सोहनलाल सराधना, मुकेश प्रजापत जेठाना, जगदीश दुमाड़ा, हजारी सिंह नदी, नारायण सिंह माली मांगलियावास, अंजू लता दोराई जायदा बानो दोराई, युसूफ अली की दोराई, इत्यादि द्वारा पूर्व अनुभव के आधार पर आ रही दिक्कतों के बारे में विस्तार से वार्ता की चारागाह का विकास ग्राम के पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है इस हेतु उपलब्ध चरागाह भूमि को धीरे धीरे विकसित करने पर जोर दिया गया, तथा चारागाह विकास की सुरक्षा और रखरखाव के लिए 5 सदस्य ग्राम स्तरीय चरागाह विकास समितियों का गठन कर उनकी नियमित बैठकों के लिए भी चर्चा की गई, अंत मे सभी को कोरोना वाइरस से बचाव के बारे में जानकारी देके जागरूक किया गया।

error: Content is protected !!