सिन्धु सभा के 41वां स्थापना दिवस को सेवा दिवस के रूप में संकल्प – तीर्थाणी

महेन्द्र कुमार तीर्थाणी
29 मार्च – भारतीय सिन्धु सभा के 41वें स्थापना दिवस पर देश भर के कार्यकर्ताओं ने कोरानावायरस के कारण आये संकट में जरूरतमंद परिवारों की सेवा के लिये संकल्प लिया ऐसे विचार राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने प्रकट किये। श्री तीर्थाणी ने कहा कि 1979 में देशभर के प्रमुख कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय विचारों को आगे बढाने व सिन्ध के गौरवमयी इतिहास को युवा पीढी तक पहुंचाने के लिये भारतीय सिन्धु सभा का गठन मुम्बई में किया।
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष लधाराम नागवाणी ने बताया कि वर्तमान में देशभर के 319 शहरों में सक्रिय ईकाईयां है और युवा व मातृशक्ति की ईकाईयां सेवारत है और इस संकट में समाज सेवा के लिए सेवा के प्रकल्प से सभी को जोडा जा रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी ने बताया कि सभा की गतिविधियों को राज्य अकादमियों व राष्ट्रीय सिन्धी विकास परिषद के साथ विश्वविद्यालयों से मिलकर भाषा से युवाओं को जोडा गया है और सभा की मांग देश में सिन्धी विश्वविद्यालय की शीघ्र स्थापना हो, पर केन्द्र सरकार गंभीरता से कार्यवाही कर रही है।
प्रदेश भाषा व साहित्य मंत्री डाॅ. प्रदीप गेहाणी ने बताया कि सिन्धी बाल संस्कार शिविरों, सिन्धी सर्टीफिकेट कोर्स, सिन्धी भाषा के आनलाइन परीक्षा करवाकर बाल व युवाओं को भाषा से जाडा गया है और 10 अप्रेल को देश भर में सिन्धी भाषा मान्यता दिवस पर भी आनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी।
प्रदेश महामंत्री दीपेश सामनाणी ने बताया कि सभा के कार्यों में पूज्य सिन्धी पंचायतों, सामाजिक व धार्मिक संगठनों को पूर्ण सहयोग है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर संगठन की पहचान बनी है और केन्द्र, राज्य व ईकाई तक की कार्यकारिणी बनाकर संगठनात्मक व्यवस्था सक्रिय है।

(डाॅ.प्रदीप गेहाणी )
प्रदेष मंत्री,
मो.09214699906

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