प्रसूता से ज्यादा राशि वसूली तो होगी कार्यवाही

अजमेर 25 अपे्रल। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत एवं राज्य सरकार ने लॉकडाउन अवधि में गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव के लिए निर्देश जारी किए हैं। इस दौरान अगर कोई निजी चिकित्सालय प्रसव के नाम पर ज्यादा राशि वसूलता पया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस पर मॉनिटरिंग रखी जाएगी।
जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा संयुक्त राष्ट्र द्वारा कोरोना वायरस कोविड-19 संक्रमण को महामारी घोषित करने से उत्पन्न स्थिति के परिपेक्ष्य में सामान्य चिकित्सा सेवाओं पर प्रभाव पड़ा है। इस क्रम में गर्भवती महिलाओं को कई जगह परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रसव हेतु महिलाएं राजकीय व निजी चिकित्सा संस्थाओं पर जाती है। परन्तु यह देखने में आया है कि कुछ निजी चिकित्सालय इस परिस्थिति का मानवता से परे जाकर आर्थिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रसूता के परिजनों से पीपीई किट एवं स्टाफ के नाम पर अनावश्यक राशि वसूलने के प्रयास कर रहे हैं। सामान्य प्रसव को भी अति आवश्यक बताकर सिजेरियन प्रसव कराने की शिकायत भी प्राप्त हो रही है। यह पूर्णतया अनुचित है। निजी चिकित्सालय एनएफएसए एवं एसईसीसी श्रेणी के लाभार्थियों को निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए अनुबंध के आधार पर प्रतिबद्ध है । साथ ही अन्य लोगों से भी तय राशि अनुसार ही निर्धारित शुल्क लिया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समस्त जिला स्तरीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि समस्त निजी चिकित्सालयों को इस सम्बन्ध में पाबन्द किया जाए। रेन्डम बेसिस पर अपने अधीन आने वाले चिकित्सालयों में भर्ती प्रसूताओं एवं अन्य महिलाओं से वार्ता कर अनावयक ली गई राशि के बारे में जानकारी प्राप्त करें। साथ ही इस अवधि में अप्रत्याशित सिजेरियन प्रसव संख्या अधिक पायी जाती है तो तत्काल पाबन्द करें। जिले में सभी निजी चिकित्सालयों के परिसर में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के फोन नम्बर भी चस्पा कराएं। इस प्रकार के प्रकरणों की शिकायत आती है तो प्रभावी कार्यवाही करें। संस्थागत प्रसब को बढ़ावा देने के लिए समुचित कार्यवाही करें।

बाल विवाह रोकेने के लिए प्रशासन अलर्ट
अजमेर 25 अपे्रल। राज्य में लॉकडाउन लागू होने के कारण धार्मिक एवं सामाजिक गतिविधियों में लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि में लक्षय तृतीय व पीपल पूर्णिमा आबूझ सावा होने के कारण जिला प्रशासन बाल विवाह रोकने के प्रति भी सतर्क है।
जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि अक्षय तृतीय एवं पीपल पूर्णिमा विवाह के लिए अबूझ मुहूर्त होने के कारण इन अवसरों पर बाल विवाहों के आयोजन की आशंका रहती है। इस वर्ष अक्षय तृतीय 26 अपे्रल एवं पीपल पूर्णिमा 7 मई को है। जिले में बाल विवाहों को रोकथाम के लिए भी कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। कलेक्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक एवं उपखण्ड अधिकारी स्तर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए नजर रखी जाएगी। जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, पुलिस विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग, आंगनवाडी कार्यकर्ता, साथिन इत्यादि मानदेय कार्मियों को अपने क्षेत्र में बाल विवाह की घटनाओं पर निगरानी रखने तथा इसकी रोकथाम के लिए सूचना संबंधित पुलिस थाने अथवा तहसीलदार एवं उपखण्ड अधिकारी को देने हेतु निर्देशित किया गया है।
बाल विवाहों की रोकथाम के लिए विभिन्न विभाग यथा शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग इत्यादि के ग्राम स्तरीय कार्मिकों को प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही पटवारी, ग्राम सेवक, अध्यापक, अध्यापिका इत्यादि को बाल विवाह की आशंका, सूचना होने पर निकट के पुलिस स्टेशन एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी को सूचना देने हेतु पाबन्द किया गया है। जिले के उपखण्ड अधिकारी एवं तहसीलदार बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी के रूप में अधिसूचित हैं।
उन्होंने बताया कि कॉविड-19 महामारी के कारण 3 मई तक लॉक डाउन प्रभावी है किन्तु ऎसे क्षेत्रों एवं समुदाय विषेषों जिनमें बाल विवाह की कुप्रथा पायी जाती है पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से भी बाल विवाहों के प्रकरण में कार्यवाही करने के निर्देश प्राप्त हुए है। बाल विवाहों के आयोजनों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाते हुए आवश्यक कार्यवाही को अंजाम दिया जाएगा।

अपनी सुरक्षा का भी ध्यान रखें आंगनबाडी कार्यकर्ता
अजमेर 25 अपे्रल। विश्वव्यापी संक्रामक महामरी कोरोना कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के प्रयास के अन्र्तगत राजस्थान के सभी गांवों में कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान के लिए किए जा रहे सर्वे कार्य में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को भी लगाया गया है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वे कार्य के दौरान स्वयं की सुरक्षा हेतु प्राथमिक प्रशिक्षण भी दिया गया है। सभी कार्यकर्ताओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) द्वारा निर्देश जारी किए है।
जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि वर्तमान में कोरोना के संकट को देखते हुए सर्वथा स्वच्छ व वायरस मुक्त पोषाहार की समुचित आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न आदेशों द्वारा समस्त लाभार्थियों को टेक होम राशन के रूप में साबुत सामग्री वितरित किए जाने के निर्देश दिए गए है। इस संबंध में वितरित की जाने वाली सामग्री एवं वितरण प्रक्रिया में भी पर्याप्त सावधानियां बरतने की आवश्यकता है। पोषाहार आपूर्ति के लिए समस्त सामग्री को एक दिन भली प्रकार से धूप दिखा दें। सामग्री की पैकिंग के मैटेरियल को भी न्यूनतम एक दो दिनों तक खुले में अप्रयुक्त रूप में रखे रहें। सामग्री वितरण के दौरान स्वच्छता और दूरी के सामान्य सिद्धान्तों को पालन करे।
उन्होंने बताया कि सामान्य निर्देश सुरक्षा के लिए अपने घर से सर्वे कार्य के लिए निकलने से पूर्व हाथों में दस्ताने एवं मुंह पर मास्क लगाएं। अपने साथ में एक थैला, जिसमें सभी जरूरी सामान यथा गर्म पानी की बॉटल, टिश्यू पेपर अथवा साफ रूमाल, साबुन, सैनिटाइजर आदि रखे। घर से निकलते समय ऎसे परिधान का उपयोग करें, जिससे आपके शरीर का अधिकांश भाग ढका रहे। सर्वे पश्चात घर पहुंचने पर बिना किसी भी वस्तु, व्यक्ति को स्पर्श किए सीधे स्नानघर में जा कर पहने हुए सभी वस्त्र, मास्क व दस्तानों को गर्म पानी में डाल कर रखें।ं साबुन से धोकर धूप में सुखाएं तथा स्नान करके व वस्त्र बदलने के पश्चात घरवालों के सम्पर्क में जाए।
उन्होंने बताया कि सर्वे करते समय सोशल डिस्टेंटिग सामाजिक दूरी अर्थात किसी भी व्यक्ति से निम्नतम एक मीटर की दूरी बनाए रखे। सर्वे कार्य के दौरान यदि कोई व्यक्ति खांसता हुआ मिले, तो उससे उचित दूरी बनाते हुए उसे मुंह पर मास्क अथवा साफ कपड़ा लगाने के लिए निर्देशित करें। स्वच्छता के लिए किसी भी वस्तु को छुने पर अथवा प्रत्येक घण्टे के पश्चात साबुन से न्यूनतम 20 सेकण्ड तक हाथ धोए एवं उन्हें हवा में ही सुखाएं, यदि सम्भव हो सके, तो तरल साबुन अथवा साबुन के पानी से हाथ धोने का प्रयास करें, जिससे संक्रमण का खतरा कम हो जाए। बाजार से लायी गई सामग्री को सीधे नहीं छुए एवं यदि उन्हें धोना संभव नहीं हो, तो 12 घण्टे के पश्चात काम में लेवे। इससे वह संक्रमण मुक्त हो जाए। दूध की थैली को व साग-भाजी आदि को अच्छी तरह धोकर काम में लें।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के लिए सामान्य सर्दी-जुकाम होने पर भी विशेष सावधानी बरतें एवं शीघ्र उपचार कराए। सूखी खांसी सांस लेने में परेशानी आदि के लक्षण दिखायी देने पर तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं एवं चिकित्सकीय परामर्श लें एवं उनके अनुरूप ही दवाई ग्रहण करें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न करे। फील्ड विजिट के दौरान गर्म पेय पदार्थ जैसे चाय, कॉफी अथवा गर्म पानी का सेवन करते रहें। शीतल पेय का उपयोग करने से बचें। आयुष मंत्रालय द्वारा निर्देशित मसालों व काढों का प्रयोग विशेष हितकर है। भोजन में अधिक पोषक तत्वों से युक्त खाद्य सामग्री, पोषण युक्त भोजन का उपयोग करें एवं हल्दी युक्त दूध का भी सेवन करें। इससे शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हो सके। आपका जीवन, आपके परिवार ही नहीं, अपितु विभाग व समाज के लिए भी अमूल्य है। अतः दिए गए निर्देशों एवं सावधानियों का पालन करें तथा स्वयं को स्वच्छ, स्वस्थ एवं सुरक्षित बनाते हुए सम्पूर्ण परिवेश को कोरोना महामारी के संक्रमण से मुक्त करने के अभियान को सार्थक बनाए।

भवन अधिग्रहित
अजमेर 25 अपे्रल। कोरोना महामारी के दौरान क्वारेंटाइन सेन्टर बनाने के लिए यूथ हॉस्टल, सोफिया कन्या महाविद्यालय तथा सोफिया सीनियर सैकण्डरी स्कूल के भवनों को अधिग्रहित किया गया है। जिला कलक्टर श्री विश्वमोहन शर्मा ने बताया कि यह अधिग्रहित भवन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का सुपुर्द किए जाएंगे। इसी प्रकार रूपनगढ में मेवाड उच्च माध्यमिक विद्यालय भदून रोड, श्री वीर तेजा विकास समिति धर्मशाला सुरसुरा को भी अधिग्रहित किया गया है।

error: Content is protected !!