*असमंजस*

नटवर विद्यार्थी
मन ही मन उठते प्रश्नों पर ,
मन ने प्रश्न लगाया ।
उत्तर क्यों चाहता औरों से ,
तुमने इन्हें उठाया ।
अब तुमको ही देना है
अपने प्रश्नों के उत्तर ।
सोच रहा है मन, मन ही मन,
क्या दूँ मैं प्रत्युत्तर ?

– *नटवर पारीक*, डीडवाना

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