पैंतालीस साल पूर्व के आपात काल की याद दिला रही है गहलोत सरकार

अपनी नाकामियों को छुपाने की नाकाम कोशिश है प्रदेश की कांग्रेस सरकार की।
कोविड महामारी से लड़ने और सफल होने का दावा चाहे माननीय मुख्यमंत्री महोदय करते रहें और स्वयं ही अपनी पीठ थपथपाते रहें पर सच्चाई ये ही है कि हर मोर्चे पर असफल रही है प्रदेश की कांग्रेस सरकार। इस वैश्विक महामारी में भी हर प्रकार से मोर्चा आम आदमी ने ही सम्भाला हुआ है फिर चाहे वो कोई एनजीओ , कोई संगठन हो चाहे कोई धार्मिक पंथ। ऐसा लग रहा है कि सरकार का काम सिर्फ़ अपील करना मात्र ही रह गया है।
कोविड के कारण आर्थिक मार से जूझते हुए नागरिकों को रियायत दे पाने में असमर्थ ये तानाशाह सरकार आइना दिखाने वालों को धमकाना व प्रताड़ित करना चाहती है।
जनता के टैक्स के पैसों पर ऐश करने वाले जनप्रतिनिधियों को जनता के तीन माह के बिजली के बिल माफ़ करने के नाम पर साँप सूँघ जाता है।
स्कूल ना खुलने की स्थिति में यदि अभिभावक तीन माह के लॉक डाउन की वजह से फ़ीस माफ़ी की दरखास्त करते हैं तो सरकार कान में रूई ठूस लेती है।
रोज़ पेट्रोल व डीज़ल के दाम बढ़ रहे हैं और यदि व्यवस्था परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध एक राजनैतिक पार्टी इस का विरोध दर्ज करवाना चाहती है तो पिंजरे में घिरती सरकार प्रदर्शन के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को छीन लेना चाहती है |

अजमेर के कलेक्टर तो ऐसे है कि यहाँ से पूर्व मंत्री और विधायक अनिता भदेल तक उनकी शिकायत करती दिखाई देती है |
कलेक्टर की कार्यों के प्रति उदासीनता देखिए कि प्रदेश का एक उच्च आईएएस अधिकारी को अजमेर आकर सारा काम काज सम्भालना पड़ता है |
ऐसे प्रशासनिक अधिकारीयों का , जो सत्ता के हाथ के खिलौने बने हुए हैं , जनता को बेवजह परेशान करना व् मुक़दमे बाज़ी करना लोकतांत्रिक व्यवस्था का गला घोटना है। ये अघोषित आपातकाल के हालात बना कर आमजन को क़ानूनी शिकंजे में लेने की असफ़ल कोशिश कर रहे है।
गहलोत सरकार इस ओर या तो ध्यान दे अन्यथा आम आदमी पार्टी इस मामले को विधानसभा की चौखट से लेकर अपने सांसदो के जरिये संसद तक उठाएगी।

आम आदमी पार्टी प्रदेश की हर तानाशाही का पुरजोर विरोध करती है और साथ ही सरकार व अजमेर प्रशासन का प्रदेश में आज की सत्तासीन पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा दिनांक 25-6-20 को किए गए पेट्रोल डीज़ल मूल्य वृद्धि के विरुद्ध किए गए प्रदर्शन व दिनांक 26-6-20 को बीस सैनिकों के बलिदान पर किए गए श्रद्धांजली कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं के जमघट पर ध्यान आकर्षित करना चाहती है।
क्या अजमेर प्रशासन उन के विरुद्ध भी धारा 144 के उल्लंघन की एफआईआर दर्ज करवाने की हिम्मत रखता है?
क्या अजमेर प्रशासन प्रदेश सरकार के अजमेर के प्रभारी मंत्री व अजमेर कलेक्टर के विरुद्ध धारा 144 के उल्लंघन की एफआईआर दर्ज करवाने की हिम्मत रखता है ?
क्या सरकार व प्रशासन भाजपा के मेयर श्री धर्मेन्द्र गहलोत व उन के साथी पार्षदों पर मुक़दमा दर्ज करवाने की हिम्मत कर सकती है ?
आम आदमी पार्टी प्रदेश की तानाशाह सरकार को बताना चाहती है कि उन के इन हथकंडों से आम आदमी का हौंसला बुलंद ही होगा।
आम आदमी पार्टी इस अघोषित आपात काल का विरोध करती है जिस में लोकतांत्रिक मूल्यों का ह्वास हो …
कांग्रेस सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो गयी है और अगले चुनाव में जनता उन का सफ़ाया कर देगी।

error: Content is protected !!