राजनीतिक द्वेषता से उठाया जा रहा कदम बताया
-आखिर ऐसी कौनसी मजबूरी है, जो सरकार महज तीन साल में यूनिफार्म बदलने जा रही है
-यदि सरकार यह निर्णय करती है, तो अभिभावकों पर पड़ेगा आर्थिक बोझ
देवनानी ने रविवार को जारी बयान में कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 17 साल से चली आ रही परम्परागतयूनिफार्म बदली थी। अब मौजूदा कांग्रेस सरकार महज तीन साल में बदल रही है, जिससे करोड़ों रूपए अभिभावकों के बर्बाद हो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री गोविंदसिंह डोटासरा ने स्कूली यूनिफार्म बदलने की मंशा जाहिर की थी। डोटासरा ने कहा था कि यूनिफार्म बदलने पर मंथन किया जा रहा है। सरकार आठवीं तक के बच्चों निशुल्क यूनिफार्म उपलब्ध कराएगी।
अभिभावकों पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं
देवनानी ने कहा है कि यदि सरकार स्कूली यूनिफार्म बदलती है, तो सरासर राजनीतिक द्वेषता और पूरी तरह राजनीति से प्रेरित होकर लिया जा रहा निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि जब पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने 17 साल से चली आ रही परम्परागत यूनिफार्म बदली थी, तो इससे स्कूली विद्यार्थियों में निजी विद्यालयों के समकक्ष आत्मविश्वास की अनुभूति होने लगी थी। लेकिन वर्तमान कांग्रेस सरकार इसे तीन साल में बदल कर अभिभावकों की जेब पर आर्थिक बोझ डालना चाह रही है। उन्होंने कहा कि पिछले करीब डेढ़ साल से कोरोनो महामारी के कारण लाॅकडाउन के चलते लोगों के काम-धंधे वैसे ही ठप रहे हैं और आर्थिक स्थिति भी गड़बड़ा गई है। ऐसे में यह बात समझ में नहीं आती है कि यूनिफार्म बदल कर अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डालने का औचित्य क्या है।
यदि यूनिफार्म नहीं बदली जाती है, तो बेहतर होगा
देवनानी ने कहा है कि सरकार द्वारा निशुल्क यूनिफार्म दिए जाने का निर्णय स्वागत योग्य है, लेकिन सवाल यह है कि यूनिफार्म बदले बिना ही सरकार मौजूदा रंग की यूनिफार्म बच्चों को निशुल्क उपलब्ध क्यों नहीं करा सकती है। भले ही सरकार आठवीं तक के बच्चों को निशुल्क यूनिफार्म दे देगी, लेकिन इसके बाद की कक्षाओं के बच्चों के अभिभावकों पर तो आर्थिक बोझ पड़ना तय है। देवनानी ने कहा कि यदि यूनिफार्म नहीं बदली जाती है, तो हो सकता है कि अनेक अभिभावक आर्थिक तंगी के कारण इस साल नई यूनिफार्म दिलाने की बजाय पुरानी यूनिफार्म से ही बच्चों को स्कूल भेजें।
तो फिर हमारे समय क्यों बयानबाजी की थी
देवनानी ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में जब यूनिफार्म बदली गई थी, तब इन्हीं कांग्रेस नेताओं ने हमारी सरकार की आलोचनाएं की थीं और जमकर बयानबाजी की थी। उस वक्त कांग्रेस नेताओं ने बिना सोचे-समझे आरोप लगाए थे कि भाजपा सरकार ने आरएसएस की डेªस की तर्ज पर स्कूली विद्यार्थियों की यूनिफार्म का रंग बदला है। अब सवाल उठता है कि कांग्रेस सरकार महज तीन साल में यूनिफार्म क्यों बदलने जा रही है और आखिर इसके पीछे उसका मकसद क्या है। इससे कांग्रेस और उसकी सरकार का दोगला चेहरा सामने आता है।
अभी यह है यूनिफार्म
अभी सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए कत्थई रंग की पेंट और हल्के भूरे रंग की शर्ट है, जबकि छात्राओं के लिए कत्थई रंग की सलवार या स्कर्ट और हल्के भूरे रंग का कुर्ता है।