गौ-सेवा क्लीनिक एवं कबुतर खाना खोलने हेतु आयुक्त महोदय को दिया ज्ञापन

नरेष सत्यावना
आज दिनांक 27 अगस्त – नगर निगम पार्षद नरेष सत्यावना के नेतृत्व में माननीय आयुक्त महोदय नगर निगम, अजमेर अजमेर अजमेर स्मार्ट सिटी में गौ-सेवा क्लीनिक एवं कबुतर खाना खोलने बाबत् पत्र सौपा गया।
यह जानकारी देते हुए पार्षद नरेष सत्यावना ने बताया कि अजमेर स्मार्ट सिटी जैसे शहर में जब गऊमाता जख्मी हो जाती है या चोटग्रस्त होती है तो उसके उपचार के लिये कोई भी उचित स्थाई पशु चिकित्सालय केन्द्र नहीं है जिससे जख्मी, तडफती गौ-माता का उपचार हो सके। माननीय एन.जी.ओ. संस्थान, टोलफा को अगर फोन पर सूचना दी जाती है तो वह गौ-माता के उपचार के लिए मना कर देते है, कहते है कि जिसकी गाय है उसी को बुला लो। महोदय यह किसे मालूम की यहॉं गऊ माता का मालिक कौन है। कई मालिक तो ऐसे है जब गौ-माता दूध देना बंद कर देती है तो वह उनको आवारा पशुओं की तरह छोड़ देते है। पत्र में यह मांग की गई की नगर निगम अजमेर का जो कॉजी हाउस है तथा वहॉं जमीन व गायो के लिए चारा सब उपलब्ध है यहॉं बिमार जख्मी गौ-माता के उपचार के लिये एक स्वास्थ्य केन्द्र बनवाया जाये एवं जख्मी गौ-माता को स्वास्थ्य केन्द्र तक पहंुचाने की भी व्यवस्था की जाये जिससे गौ-माता को उचित उपचार मिल सके।
पत्र में आगे बताया गया कि स्मार्ट सिटी अजमेर के अन्दर कोई भी ऐसी कबुतर शालाऐं नहीं है जिस में कबुतर व अन्य पक्षियों का रहवास हो सके। यह सब पक्षी पेड़ो व अन्य जगह पर अपना ठहराव करते है लेकिन जब भी ऑंधी, तुफान, बरसात, ओला व्रस्टी हो तो हजारो की संख्या में पक्षियों के मरने की स्थिति पैदा हो जाती है एवं इनके दाने पानी की व्ययवस्था भी कुछ नहीं है। इन्हें खुले स्थान में ही दाना-पानी डालना पडता है और कई बार तो बिल्ली, कुत्ते जैसे बड़े जानवर आकर इन्हें अपने मुहॅं का निवाला बना लेते है जिससे लुप्त होते पक्षी जैसे कबुतर, चिड़िया एवं अन्य पक्षी के जान का खतरा बना रहता है। इनके बचाव हेतु दक्षिण व उत्तर क्षेत्र में 5-5 आधुनिक कबुतर शॉलाएॅं बनवाने की मांग की गई।
इस दौरान पार्षद नरेष सत्यावना, श्याम प्रजापति, मनीष सेठी, पिंकी बालोटिया, लक्ष्मी बुन्देल, हितेष्वरी टांक, नुकुल खण्डेलवाल आदि मौजूद रहे।
नरेश सत्यावना
पार्षद वार्ड 50

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