जिला प्रशासन पट्टों के बारे मैं किंकर्तव्यविमूढ़ -प्रताप यादव

अजमेर/ करीब 10 वर्ष बाद प्रशासन शहरों /गांवों की ओर अभियान मैं राजस्थान सरकार विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के पट्टे वितरित करने जा रही है ,जो एक स्वागत योग्य कदम है । उल्लेखनीय है जब जब भी गरीबों को पट्टे वितरित हुए हैं वह कांग्रेस शासन में ही वितरित हुए हैं । भाजपा शासन में कभी भी पट्टे भारी तादाद में कभी नहीं बांटे गए ।
अजमेर शहर जिला कांग्रेस के निवर्तमान उपाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह सरकार के इस महती अभियान के 1 दिन पहले भी यह बताने की स्थिति में नहीं है की शहरी कच्ची बस्तियों के पट्टे का क्या प्रावधान है इसी प्रकार पेरा फेरी गांवों में पट्टे मिलेंगे या नहीं । इससे शहरी व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लोग दिग्भ्रमित हो रहे हैं ।जिला प्रशासन, नगर निगम व अजमेर विकास प्राधिकरण प्रशासन इस बारे में आमजन को संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया ।
अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान उपाध्यक्ष प्रताप सिंह यादव माननीय मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर कहा है कि पट्टा वितरण के आवेदन पत्र 1500 रुपए प्रति आवेदन के नगर मित्र प्रार्थी से आवेदन भरवाने व ऑनलाइन जमा कराने के लेगा , जो गरीब लोगों के लिए बहुत भारी समस्या है व वह ऑनलाइन सिस्टम को समझ ही नहीं पा रहे हैं । इसी के साथ नगर मित्र 1500 रुपये की जगह की गुना ज्यादा राशि मांग रहे है ।
प्रताप यादव ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से मांग की है कि आप जैसे संवेदनशील मुख्यमंत्री से निवेदन है कि वह ऑनलाइन की बजाए ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करें। क्योंकि ऑनलाइन आवेदन पत्रों की भी जांच बाद में नगर निगम अजमेर/ विकास प्राधिकरण के कर्मचारियों को ही करनी होगी फिर यह अतिरिक्त भार आमजन परन ना डालकर जनप्रिय सरकार की भूमिका से क्यों पीछे हटे ।
प्रताप यादव ने यह भी कहा कि किस दिनांक तक के सरकारी भूमि के कब्जे नियमित होंगे उनकी दर क्या होगी एवं कितने वर्ग गज तक का कब्जा नियमित किया जा सकेगा इसकी जानकारी भी जिला प्रशासन को निगम व प्राधिकरण को जीजा वजह आमजन को अवगत कराएं इसके लिए निगम वह प्राधिकरण पाबंद करना चाहिए ।

प्रताप यादव ने यह भी कहा कि यह भी जनता के बीच स्पष्ट होना चाहिए कि कौन सी कच्ची बस्ती के पट्टे कौन सा विभाग बांटेगा
इसी के साथ यह भी स्पष्ट होना चाहिए जगत प्रशासन शहरों की ओर अभियान में जिन लोगों को नियमन हेतु डिमांड नोट जारी किया जा चुका है उसने रुपए जमा कराएं कुछ नहीं जमा कराएं क्या उन लोगों को उसी डिमांड लौट के आधार पर नियमन किया जाएगा
ऐसे में इन सब कारणों के चलते जनता दिग्भ्रमित है । सरकार को चाहिए कि वह आवेदन पत्र के प्रपत्र का सरलीकरण करें ताकि ऑनलाइन की बजाए आवेदक स्वयं ही आवेदन को भरकर कैंप में जमा करा सकें वह प्रशासन भी अपने स्तर पर सर्वे कल के आमजन को राहत पहुंचाएं ।
प्रताप यादव ने यह भी कहा कि जो लोग वन विभाग की भूमि पर बैठे हैं सरकार वन विभाग को उतनी ही भूमि अन्य जगह पर गए वह इस हेतु भारत सरकार से स्पेशल स्वीकृति प्राप्त करें वह जो लोग पहाड़ी क्षेत्र में ऐसी आबादी भूमि जो सीलिंग में आ चुकी है वहां पर बैठे हैं उन्हें भी सरकार सर्वे कराकर पट्टे दे क्योंकि ऐसे लोग करीब 50 50 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे हैं लेकिन उन्हें पट्टे नहीं मिल रहे ।
इसमें पहल करके सभी विभागों को उचित दिशा निर्देश दें । जिससे कि राज्य सरकार की मंशा के अनुसार जनसाधारण को राहत प्रदान हो सके ।
इसी के साथ सभी वार्डों में व कच्ची बस्तियों में पैंफलेट बटवा कर , लाउडस्पीकर द्वारा व समाचार पत्रों में जरिए विज्ञापन सरकार की इस जनहितकारी योजना के बारे में जनता को जानकारी दी जाए ।

(प्रताप सिंह यादव)
9929533341

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