उत्तर पष्चिम रेलवे के रेवाडी-पालनपुर रेलखण्ड पर दोहरीकरण के बाद अब विद्युतीकरण कार्य पूर्ण

उत्तर पष्चिम रेलवे ने अब तक 2259 किलोमीटर ट्रेक का किया विद्युतीकरण

उत्तर पष्चिम रेलवे पर पर्यावरण अनुकूल रेल संचालन के लिये विद्युतीकरण रेल का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। रेवाडी से पालनपुर तक विद्युतीकरण के कार्य को विभिन्न चरणों में पूरा कर एतिहासिक उपलब्धि प्राप्त की है। रेल संरक्षा आयुक्त द्वारा अजमेर-दौराई व ब्यावर-गुडिया के 50.17 किलोमीटर रेलमार्ग को दिनांक 29.10.2021 को इलेक्ट्रिक ट्रेक्षन पर रेल संचालन हेतु अनुमोदित किया है। श्री विजय षर्मा के दिषा-निर्देषों के अनुसार दिनांक 10.11.2021 को पालनपुर से मदार के लिये गुड्स ट्रेन का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्षन पर प्रारम्भ किया गया है। रेवाडी से पालनपुर रेलखण्ड के विद्युतीकरण व दोहरीकरण हो जाने से रेल संचालन सुगम व तीव्र गति से किया जाना संभव होगा।
उत्तर पष्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन षषि किरण के अनुसार उत्तर पष्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण के कार्य तीव्र गति से किये जा रहे है तथा वर्ष 2023 तक सभी मार्गों का विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में उत्तर पष्चिम रेलवे के मुख्य रेलमार्ग रेवाडी से पालनपुर 716 किलोमीटर रेलखण्ड का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उल्लेखनीय है रेवाडी-पालनपुर मार्ग का सम्पूर्ण दोहरीकरण कार्य दिनांक 20.03.2021 को पूरा किया गया था। रेवाडी पालनपुर रेलखण्ड पर रेवाडी-अलवर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य वर्ष 2011-12 में 118 करोड की लागत से तथा रेवाडी-रींगस-फुलेरा-पालनपुर व अलवर-जयपुर-फुलेरा 940 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य 2013-14 में 852 करोड रूपये की लागत के साथ स्वीकृत किया गया। दिल्ली-रेवाडी-रींगस-फुलेरा-पालनपुर व कनकपुरा-मदार रेलमार्ग पर हाई राइज ओएचई लाइन स्थापित की गई है, जिससे इस मार्ग पर डबल स्टैक ट्रेनों को पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक टेªक्षन पर सुगमता के साथ संचालित की जा सकें।
उत्तर पष्चिम रेलवे पर अब तक 2259 किलोमीटर रेल लाइन पर पर्यावरण अनुकूल विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर गया है। उत्तर पष्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाडी-अजमेर वाया फुलेरा, रेवाडी-अजमेर वाया जयपुर, जयपुर-सवाई माधोपुर एवं अजमेर-उदयपुर रेलखण्डों पर इलेक्ट्रिक ट्रेक्षन पर यात्री रेलसेवाओं का संचालन किया जा रहा है। राजस्थान के प्रमुख क्षेत्रों उदयपुर, अजमेर तथा जयपुर का जुडाव इलेक्ट्रिक ट्रेक्षन से सम्पर्क स्थापित हो गया है। वर्तमान में उत्तर पष्चिम रेलवे पर 50 जोडी पसैन्जर ट्रेनों का संचालन इलेक्ट्रिक ट्रेक्षन पर किया जा रहा है। उत्तर पष्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 976 किलोमीटर ब्रॉडगेज लाइनों को विद्युतीकृत किये जाने का लक्ष्य रखा गया है।
रेल विद्युतीकरण से निम्न फायदे होते है-
1. डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति
2. अधिक ट्रेनों का संचालन संभव
3. ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी
4. इलेक्ट्रीक गाडियों की परम्परागत गाडियों से faster acceleration/deacceleration के कारण इसकी औसत गति अधिक होती है।
5. डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत

वरि. जनसम्पर्क अधिकारी
उत्तर पश्चिम रेलवे, जयपुर

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