मातृभाषा का कोई विकल्प नही इसके बिना राष्ट्र निर्माण असम्भव

केकड़ी 21 फरवरी(पवन राठी)मातृभाषा दिवस के अवसर पर राजकीय सन्नात्कोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत मातृभाषा दिवस पर विविध आयोजन किये गए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भौतिक शास्त्र के आचार्य प्रोफेसर अनिल गुप्ता ने अपने उद्बोधन में कहा कि मातृभाषा मातृभूमि और माता का कोई विकल्प नही हो सकता।मातृभाषा के बिना राष्ट्र निर्माण असंभव है। कोई महिला कितनी भी श्रेष्ठ सुंदर हो वह हमारी माँ नही हो सकती।कोई देश कितना भी सम्पन्न व समृद्ध हो हमारी मातृभूमि नही हो सकता।इसी प्रकार दुनिया की कोई भी भाषा हमारी मातृभाषा नही हो सकती। उन्होंने विद्यार्थियों से अपनी मातृभाषा के विकास एवम संवर्धन हेतु प्रयत्नशील रहने का आव्हान किया।प्रोफ गुप्ता ने पत्रिका विवाह निमंत्रण पत्र नाम पट्टिका हस्ताक्षर आदि को हिंदी में लिखने और छपवाने की अपील भी की।
कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य सुनील वर्मा ने ने बताया कि राज्य सरकार ने 2003 में राजस्थानी को संविधान की 8 वी अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था जिस पर तत्तकालीन ग्रह राज्यमंत्री ने सैद्धान्तिक सहमति दी थी। जालोर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने 2008 में विधानसभा सदस्यता की शपथ राजस्थानी में लेने की बात उठाई थी।
कल्याण सिंह शेखावत 1962 से ही इस कार्य हेतु संघर्षरत है। वर्मा ने यह भी कहा कि हमे आशान्वित रहना चाहिए कि संविधान की 8 वी अनुसूची में राजस्थानी भाषा को जरूर स्थान मिलेगा।
कार्यक्रम को डॉ अनिता रायसिंघानी डॉ देवेंद्र सोलंकी ने विशिष्ठ आतिथ्य प्रदान किया। प्रियांशी ऋतिक ब्रह्माकुमारी हर्षित टीना व प्रियंका कुमावत द्वारा राजस्थानी में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।संचालन प्रियंका साहु द्वारा किया गया।

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