निरंकुश आततायी और असहिष्णु राज्य शक्ति पर प्रभु भक्ति सच्चाई और सद्दभाव की जीत का पर्व होली Part 2भगवान क्रष्ण ने बताया कि स्त्रीपुरुष को निष्काम भाव से सात्विक करते हुए उन्हें प्रभु के श्री चरणों में समर्पितकर देना चाहिए इसी वजह से आदि काल से सनातन धर्म में सात्विक, राजसी और तामसी तामसी प्रवृत्तियोंको त्यागने को कहा गया में से सुखी जीवनके लिये सात्विक प्रवृत्ति को ही श्रेष्ट माना गया है, राजसी प्रवृत्ति को भी त्याग ने कोकहा गया है | होलिका दहन का का वास्तविकता में मतलब है जीवन के रोम रोम में सेसमस्त दुष्कर्मों और तामसी आदतों का जड़ से समूल नाश और दहन | आप की मजबूत इच्छाशक्ति आपको सारीबुराइयों से बचा सकती है | तामसी प्रवत्ति होली की दिव्य अग्नि में भस्म कर देना ही सच्चा ‘होलिका दहन’ है। भारत में होली का त्योहार यों तो वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाताहै। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठतीहै। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे,पशु-पक्षी एवं सभी नर-नारी उल्लास सेपरिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। किसानों काह्रदय ख़ुशी से नाच उठता है। होली का पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाताहै | यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन तकमनाया जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 17 मार्च 2022को धूमधाम से मनाया जाएगा |