धार्मिक ग्रंथों को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग

केकड़ी 21 मार्च(पवन राठी) / *अखिल भारत हिंदू महासभा राजस्थान द्वारा* *राज्य सरकार को रामायण भागवत एवं रामचरितमानस को स्कूल पाठ्यक्रम में शामिल करने एवं सालासर बालाजी के पास सुजानगढ़ स्थित रामदरबार प्रवेश द्वार को तोड़ने के संदर्भ में उपखंड अधिकारी को माननीय महामहिम राज्यपाल महोदय को ज्ञापन अर्पित किया गया।*
अखिल भारत हिंदू महासभा व राष्ट्रीय हिंदू भगवा वाहिनी द्वारा उपखंड अधिकारी को ज्ञापन-पत्र दिया गया जिसमें स्कूली पाठ्यक्रम को अब विदेशों में भी पढ़ाने लग गए हैं अतः भागवत गीता, रामायण, राम चरित्र मानस,व महाभारत, को भी अपने यहां शामिल कर शिक्षा पद्धति मे पाठ्यक्रम को शामिल किया जाए। ग्रंथों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से छात्र-छात्राएं भारतीय संस्कृति से रूबरू हो पाएंगे। जिससे छात्रों को अपने गौरवशाली इतिहास के बारे में जानकारी मिल सकेगी। गीता, रामायण,रामचरितमानस और महाभारत से आने वाली भावी पीढ़ी में सही मूल्यों को विकसित करने के लिए पाठ्यक्रम शुरू करने की जरूरत है। भागवत गीता, रामायण महाभारत का ज्ञान न सिर्फ इंसान को सर्वोच्च संतुष्टि और ख़ुशी का एहसास कराता है बल्कि मोक्ष का मार्ग खोजने में उनकी मदद भी करता है। साथ ही सालासर बालाजी के पास सुजानगढ़ गांव के बाहर श्री राम दरबार स्वागत द्वार को रातों-रात अंधेरे में तोड़ गिरा दिया गया जो असंवैधानिक है। स्वागत द्वार तोड़ने वालों के विरुद्ध कठोर से कठोर कार्रवाई किया जाना न्यायोचित एवं आवश्यक है। हिंदू आस्था को गहरा आघात लगा। अतः महोदय से *अनुरोध है की राम दरबार को सम्मान एवं श्रद्धा सहित वापिस विधि विधान से विराजमान किए जाने के आदेश प्रदान कर अनुग्रहित करवावे। इस दौरान अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष भरत शर्मा,* *अजमेर जिला देहात अध्यक्ष प्रमोद पारीक, तहसील अध्यक्ष शंकरलाल ट्रेलर,शांति सागर, अमर सिंह, राजेश बियाणी, शिवप्रकाश पाराशर, महेंद्र जोशी, नरेंद्र जैन, रवि शर्मा, राष्ट्रीय हिंदू भगवा वाहिनी के राष्ट्रीय मंत्री श्योजी राम माली, रतन ट्रेलर सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।*

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