अजमेर, 27 मार्च, 2022 / आचार्य श्री 108 अनुभव सागरजी महाराज का ससंघ रविवार सेवेरे साढ़े आठ बजे सर्वोदय काॅलोनी स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन जिनालय में मंगल प्रवेश हुआ। इन अवसर पर उन्होंने कहा कि श्रमण और साधु नामक दो पहियों के साथ-साथ सहयोग करने पर ही जैन धर्म की पताका उॅंची हो सकती है। अर्थात् जैन साधु के आहार, विहार और निहार की उचित व्यवस्था तथा भक्तों की भगवान के प्रति लालसा होने पर ही श्रमण संस्कृति आगे बढ़ सकती है। उन्होंने राग छोड़ने की बात पर बल दिया। अगर आसक्ति होगी तो दुख भी होगा। अतः राग को छोड़ना चाहिए तथा मन को एकांत देना चाहिऐ। उन्होंने मंत्रों को मन से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि यदि मन नहीं फिरा तो मंत्रों की माला फेरना बेकार है। साधु जब समाज में विचरण के लिए निकलता है तो समझ लो कि वह बत्तीस दाॅंतों के बीच जिव्हा का विचरण करने जैसा है। किंतु जिव्हा के लचीलेपन के गुण के कारण ही वह कठोर दाॅंतों के बीच भी सरवाइव कर जाती है। अपने गुरू आचार्य श्री 108 अभिनंदन सागरजी महाराज का जिक्र करते हुऐ कहा कि माइक मांगना मत और मिल जाए गो छोड़ना मत अर्थात समाज की उपेक्षा और समाज से अपेक्षा न करने पर ही समाज के बीच रहा जा सकता है।
इससे पूर्व सवेरे साढ़े छ बजे आचार्य श्री केसरगंज स्थित जैसवाल जैन मंदिर से विहार करके प्रातः सवा सात बजे सिविल लाइन स्थित श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर के दर्शन किये। इस अवसर पर उन्होंने दनगसिया परिवार द्वारा निर्मित कराऐ गऐ इस जिनालय की तारीफ करते हुऐ कहा कि लग रहा है जैसे किसी प्राचीन व भव्य जिनालय में बैठें हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर ऐसा होना चाहिऐ कि मन बरबस ही वहाॅं रम जाऐ…. आत्म विभोर हो जाऐ। उन्होंने कहा कि तीर्थ वंदना से तन और मन की शांति मिलती है, किंतु साधु की संगति से और कुछ मिले ना मिले मगर संतोष धन अवश्य मिलेगा… संतुष्टि अवश्य मिलेगी। इस अवसर पर महाराज श्री के मुखारबिंद से अभिषेक व शांतिधारा हेतु मंत्र भी पढ़े गऐ। यहाॅं के संक्षिप्त प्रवास के पश्चात् महाराज श्री का सर्वोदय काॅलोनी के लिए विहार हुआ, जिस पर पुलिस लाइन चैराहे पर ढोल-ढमाको व बाजे गाजे के साथ संघ का भव्य स्वागत किया गया। जगह-जगह पाद प्रक्षालन किया गया, जिसमें अजय-विजय दनगसिया परिवार, मुन्ना लाल-मनीष पाटनी परिवार, ताराचंद-सिद्धार्थ सेठी परिवार, पारस-शांता पाटनी परिवार, श्री प्रवीण जी सोगानी परिवार आदि शामिल रहे।
जिनालय समिति के अध्यक्ष विनय गदिया ने बताया कि पारसजी पाटनी व सोगानी परिवार को गुरू भक्ति का सौभाग्य भी मिला। मंगलाचरण निलीमा पाटनी ने किया, जबकि द्वीप प्रज्वलन व चित्र अनावरण का सौभाग्य माणकचंद सुभाष गंगवाल को मिला। शास्त्र भेंट श्रीमती मंजू छाबड़ा ने किये। इस अवसर पर केसरगंज जैसवाल समाज के अध्यक्ष सुनिल ढिलवारी, मुनि संघ सेवा समिति के अध्यक्ष मनीष अजमेरा सहित समाज के प्रेमजी पाटनी, धनकुमार लुहाडि़या, कमल कासलीवाल, मुकेश पाटनी, नवीन पाटनी, अनिल गंगवाल, मंगल चंद पाटनी, पदम कांत गदिया, अशोक सुरलाया, दीपक पाटनी, छीतरजी गदिया, सुभाष-विवेक पाटनी, सुभाष बड़जात्या, महेश-सुयोग गंगवाल, डा. पाटोदी, अनिल पाटनी सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। दोपहर को जिनालय में स्वाध्याय व शाम को आनन्द यात्रा, गुरू भक्ति व आरती का आयोजन हुआ।
अनिल कुमार जैन
श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन जिनालय
अजमेर
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