धर्म स्थलों को निशाने पर लेना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा

विजय जैन
अजमेर । शहर कांग्रेस के अध्यक्ष विजय जैन ने वर्तमान परिस्थिति में की जा रही राजनीति को देश की एकता व अखंडता के लिए सबसे बड़ा ख़तरा बताते हुए चुनावों से पहले “सांप्रदायिक ध्रुवीकरण” के खिलाफ भी आगाह किया है। उन्होंने कहा कि धर्म स्थलों को निशाने पर लेना सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। जहां देश में सभी धर्म व जातियों के लोग मिलजुलकर एक दूसरे के चारों में खुशी मनाते हैं दूसरी तरफ भाजपा के द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहात पहुंचाने का पूर्ण षड्यंत्र देश में रचा जा रहा है

शुक्रवार को जारी प्रेस वक्तव्य में कांग्रेस अध्यक्ष जैन ने कहा कि देश में किसी भी धर्म के लिए कोई खतरा नहीं है। अगर कोई खतरा है, तो केंद्र बैठी हुई भाजपा सरकार ने पूर्व में चुनाव से पहले जो देश की जनता से जो वादे किए उन्हें पूरा नहीं किया इसीलिए जनता का ध्यान महंगाई और उन वादों से भटकाने के लिए वह नफरत की राजनीति करना चाहते है, जो सांप्रदायिक तत्वों को ढाल के रूप में धार्मिक भावनाएं भड़काने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। अजमेर एक शांतिप्रिय धार्मिक क्षेत्र है जहां जगतपिता ब्रह्मा सूफी संत ख्वाजा साहब की दरगाह संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर मुनिराज की दीक्षा स्थली व नारेली जैन धर्म स्थल के अलावा सभी धर्मों के धर्म स्थल हैं जो एक दूसरों के धर्म स्थल का सम्मान करते हैं ऐसे में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने के उद्देश्य से अजमेर की दरगाह को निशाना बनाना चाहते हैं जिसके कोई ऐतिहासिक तथ्य व प्रमाण के बिना मात्र लोगों की भावनाओं का आहत पहुंचाना इनका उद्देश्य है प्रशासन और सरकार को ऐसे तत्वों के विरुद् सख्ती से निपटना चाहिए जो माहौल को बिगाड़ने में अपनी भूमिका अदा कर रहे हो इनकी सर्वथा निंदा की जानी चाहिए कुछ मुट्ठी भर लोग समुदायों के बीच नफरत फैलाकर बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करते हैं। इनका मकसद सामाजिक सौहार्द बिगाडऩा और लोगों के बीच अशांति का माहौल बनाकर देश की एकता पर प्रहार करना है

उन्होंने कहा वर्तमान में ध्रुवीकरण की राजनीति जोरों पर है। देश की जनता में नफरत कूट-कूट कर भरी जा रही है। जिस देश में कई धर्मों और जातियों के लोग निवास करते हों, लेकिन इतनी नफरत घोलना देश के लिए अच्छा नहीं है। वोट पाने के लिए प्रमुख मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना इस ध्रुवीकरण का मुख्य कारण है। कमर तोड़ती महंगाई व बेरोजगारी काला धन दो करोड़ लोगों को प्रतिवर्ष रोजगार 1500000 रुपए प्रत्येक व्यक्ति के खाते में जमा कराने जैसे मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों का दमन, किसानों पर अत्याचार, बदहाल अर्थव्यवस्था, जैसे मुद्दों को जनता के जेहन से निकालने के लिए मंदिर-मस्जिद को मुद्दा बनाया जा रहा है। जनता को यह समझना चाहिए कि देश सभी धर्मों से बड़ा हैै।

उन्होंने अपने बयान में कहा कि सामुदायिक सौहार्द बिगाडऩा तथा नफरत भरी बयानबाजी करना आजकल वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के साथ-साथ समाज में शत्रुता, कटुता और वैमनस्य में निरंतर वृद्धि इस बात का द्योतक है कि कुछ नेता इसी दुर्भावना के सहारे अपनी सियासी रोटियां सेंकते हैं। उन्हें देश के विकास और कल्याण की कोई चिंता नहीं। आमजन व युवाओं को उनका ध्यान भटकाने के लिए उनकी धार्मिक भावनाएं भड़काने के लिए वे साम, दाम, दंड, भेद के द्वारा सत्ता हासिल करना चाहते हैं

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