तुष्टिकरण की सारी हदें पार, धर्म बना तबादलों का आधार-देवनानी

-चिकित्सा, शिक्षा, पुलिस सहित कई विभागों में धर्म के आधार पर किए जा रहे हैं तबादले
-देवनानी ने कहा, कांग्रेस सरकार तुष्टिकरण नीति अपनाने से बाज आए

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर, 26 जून। ’’तुष्टिकरण की सारी हदें पार, धर्म बना तबादलों का आधार’’, यह बात पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने चिकित्सा विभाग में डाॅक्टरों के हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर तबादले किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही है।
देवनानी ने रविवार को जारी बयान में कहा कि जब सरकारी नौकरी में इस बात को कोई तवज्जो नहीं दी जाती है कि नौकरी पाने वाला किस धर्म का है, हिन्दू या मुस्लिम है या अन्य किसी धर्म का है। तो फिर तबादलों में हिन्दू-मुस्लिम कार्ड क्यों अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डाॅक्टरों को मानव जाति को सर्वोपरि मानकर मरीजों की सेवा करते हैं। इलाज करते हुए यह नहीं पूछते और देखते हैं कि मरीज किस जाति या धर्म का है, तो फिर तबादले हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर करने का औचित्य समझ में नहीं आता है।
देवनानी ने कहा कि किशनपोल से कांग्रेस विधायक अमीन कागजी खुद चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा द्वारा अपनाई गई नीति से खासे नाराज हैं और उन्होंने मीणा के निवास पर धरना भी दिया। जब कांग्रेस के विधायक ही अपनी सरकार की ऐसी नीति और कार्यप्रणाली का विरोध कर रहे हैं, तो कांग्रेस और उसकी सरकार को यह बात अच्छी तरह समझ में आ जानी चाहिए कि वह जनता की उम्मीदों पर बिल्कुल भी खरी नहीं उतर रही है। देवनानी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को धर्म और जाति के आधार पर बांटना ठीक नहीं है। यदि सरकार ऐसी ही नीति चलती रही, तो यह उसके लिए ही सबसे ज्यादा घातक होगा।
देवनानी ने कहा कि केवल चिकित्सा विभाग ही नहीं, शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग सहित अन्य विभागों में भी धर्म के आधार पर कार्मिकों के तबादले किए जा रहे हैं। इससे कर्मचारियों में वैमनस्य पैदा होने का खतरा बना रहेगा। साथ ही उन कार्मिकों में कुंठा पनपेगी, जो राज्य के हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि तबादलों में पूरी तरह पारदर्शिता होनी चाहिए। किसी का अहित नहीं हो, इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार चारों तरह तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। उसे अब इस तरह की हरकतों से बाज आना चाहिए।

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