प्रदेश में आंगनबाडियां बदहाल, सुध लें कांग्रेस सरकार-देवनानी

-प्रदेश की आंगनबाडियां में अनियमिताओं का अंबार।
-साढे नौ हजार आंगनबाडियॉ को आज भी है अपने भवन का इंतजार।
-कोई धणीधोरी नहीं, रिक्त पडे वर्कर के पद।
-पांच माह से वेतन मिलने की आश में वर्कर।

प्रो. वासुदेव देवनानी
अजमेर/जयपुर, 5 जुलाई।
प्रदेश में आंगनबाडियों की बदहाली पर भाजपा नेता, पूर्व शिक्षा मंत्री एवं वर्तमान अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने राज्य सरकार को आडे हाथों लिया है। देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार की अनदेखी तथा घोर लापरवाही के चलते प्रदेश की आंगनबाडियों की हालत खस्ता है। राज्य के बालक-बालिकाओं तथा किशोरी-गर्भवती महिलाओं को पोषित करने की जिम्मेदार ये आंगनबाडियां खुद ‘कुपोषित’ के दौर से गुजर रही है।
15वीं राजस्थान विधानसभा के सप्तम सत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग से पूछे अतारांकित प्रश्न के प्राप्त उत्तर की जानकारी देते हुए देवनानी ने कहा कि प्रदेश में आंगनबाडियों में अनयिमिताओं का अंबार है। किसी में वर्कर नहीं है तो किसी को छत नसीब नहीं है। प्रदेश में आंगनबाडी और मिनी आंगडबाडी मिलाकर 62020 स्वीकृत है जिसमें से 9520 आंगनबाडियां ऐसी है जिसको अपनी छत का इंतजार है। भवन के अभाव में इन आंगनबाडियां को किराये के भवनों में संचालित करने को मजबूर है। 2542 आंगनबाडियों में कार्यकर्ता वर्कर तथा 2636 में सहायिका के पद रिक्त पडे है। इसके अलावा सैंकडों की संख्या में नई आंगनबाडियों को स्वीकृत तो कर दिया लेकिन राज्य सरकार ने इनका संचालन आज तक भी शुरू नहीं किया है, इन सबके चलते राज्य और केन्द्र की बालक-बालिका तथा किशोरी-महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य से जुडी महत्वकाक्षी योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का आंगनबाडियों का ढांचा सुधारने की तरफ रत्तीभर भी ध्यान नहीं है। सभी को अपनी छत मिले इस संबंध में राज्य सरकार की न कोई दिशा है और दृष्टि ही है। इसका अनुमान गत 3 सालों में केवल 417 आंगनबाडी केन्द्रों को ही भवन उपलब्ध कराने की बात से लगा सकते हैं। अभी भी साढे 9 हजार से अधिक आंगनबाडी अपने भवन के लिए राज्य सरकार का मूंह ताक रही है। इसके अलावा हजारों आंगनबाडियां ऐसी है जिनके भवन सालों पहले निर्मित होने तथा बराबर मरम्मत नहीं होने से जर्जर हो चुके हैं। किसी भवन की दीवारों का प्लास्टर नीचे गिर रहा है तो किसी छत की पट्टियां टूटकर गिरने के इंतजार में है। बरसात के दिनों में तो अनेक आंगनबाडी भवनों के कमरे पानी से लबालब भर जाते हैं। अनेक बार तो मजबूरी में संचालनकर्ताओं को बरसाती पानी सूखने तक केन्द्र को बंद तक रखने को मजबूर होना पडता है। राज्य सरकार समय से वर्कर को वेतन देने में असफल सिद्ध हुई है। पांच माह से वर्कर वेतन मिलने की आश में है। वेतन समय पर भुगतान करने की मांग को लेकर वर्कर और उनके संगठन संबंधित प्रदेश के मंत्री से मिलकर अपनी व्यथा प्रकट चुके है लेकिन वेतन मिलने की दिशा में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। देवनानी ने राज्य सरकार से प्रदेश की स्वीकृत सभी आंगनबाडियों को संचालित करने, रिक्त पडे सभी वर्कर के पद भरने, आंगनबाडियों को अपना भवन बनाकर देने तथा बदहाल भवनों को तुरंत प्रभाव से मरम्मत कराने की तरफ राज्य सरकार को ध्यान देने की मांग की है।

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