अजमेर 24 जुलाई, सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन स्मारक पर आने के बाद मेरी हिन्दुस्तान की यात्रा सफल हो गई यह वक्तव्य हॉंगकॉंग से आये साहित्यकार व लेखक दयाल एन. हरजानी-दादूजे़न ने स्मारक पर भ्रमण के दौरान कहे। स्मारक देखने के बाद मेरी परिकल्पना के बाहर यहां की खुशबू मुझे सिन्ध की अनुभूति जैसा महसूस हुआ। मैं अपने आपको सिन्धी होने पर गर्व महसूस कर रहा हूं। महाराजा दाहरसेन हिन्द के महान राजा थे जिन्होने राष्ट्र रक्षा के लिए पूरे परिवार को न्यौछावर कर दिया। इस स्मारक पर यदि मैं नहीं आता तो मेरी हिन्दुस्तान की यात्रा अधूरी होती। स्मारक पर इतिहास से रूबरू होने व ज्ञान मिलने से आने वाले समय पर और लिखने का अवसर मिला है जिसे देश दुनिया तक पहुंचाना हमारा दायित्व है।
स्मारक पहुंचने पर भारतीय सिन्धु सभा के राष्ट्रीय मंत्री महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, समारोह समिति के कवंलप्रकाश किशनानी, सुधार सभा के संरक्षक ईश्वर ठाराणी, प्रभू ठाराणी, विशाल वाधवाणी (मुम्बई) अजयनगर सिन्धी समाज के के.टी.वाधवाणी सहित कार्यकर्ताओं ने हिंगलाज माता की पूजा अर्चना, महापुरूषों के प्रतिमाओं पर श्रृद्धासुमन, सिन्ध के मानचित्र पर राष्ट्र रक्षा सूत्र बांधकर संकल्प, महाराजा दाहरसेन के जीवनी की दीर्घाओं का अवलोकन करते हुये संग्राहलय में सिन्ध के ऐतहासिक स्थलों की जानकारी ली। इस अवसर हरजाणी का शॅाल, माला श्रीफल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
(मोहन तुलस्यिाणी)
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