केकड़ी 26 दिसम्बर(पवन राठी)देवगांव गेट विद्यासागर मार्गं स्थित चंद्रप्रभु चैत्यालय प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में आने वाले नव वर्ष 2023 का कैलेन्डर ” सुधामय वर्ष 2023 ” जगत पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव 108 श्री सुधासागर जी महाराज को समर्पित का विमोचन किया गया।
कैलेण्डर का लोकार्पण दिगम्बर जैन समाज अध्यक्ष भंवर लाल बज,कैलाशचंद सोनी, महावीर प्रसाद जैन बीजवाड़ वाले, मनोज पाण्डया,पदम कुमार कटारिया प्राहेडा वाले,पदम चंद सेठी, नितिन जैन एडवोकेट,भंवर लाल टोंग्या, मुकेश जैन सवारियां वाले,पवन जैन जूनिया वाले, सचिन गदिया और पदम जैन बीजवाड़ वालो के कर कमलों द्वारा समाज के कई गणमान्य लोगों के बीच किया गया।
नया वर्ष व्यक्ति को नये उत्साह के साथ मन में नवीन उमंग और खुशी का अनुपम अनुभव कराती है। उक्त विचार कार्यक्रम का संचालन कर रहे संजय कटारिया ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि नये वर्ष का आगाज हो रहा है आने वाले नये वर्ष का स्वागत करना है नया साल हर समय जीवन में मंगल हो, आरोग्य रहें, सकारात्मक रहते हुए जीवन में आने वाली हर चुनौती मन मस्तिष्क को शांत रखें,हम जीवन को बड़ी ही सहजता और सरलता से जो जैसा है उसे अपना ही प्रारब्ध का दिया हुआ मानते हुए शांती से स्वीकार करते हुए जीवन यापन करे।
चौदह पृष्ठीय बहुरंगीय कैलेण्डर में जगत पूज्य निर्यापक श्रमण मुनिपुंगव 108 श्री सुधासागर जी महाराज के बहुत ही मनोहारी नयनाभिरामी, आकर्षक छायाचित्र संग्रहित किये गये है। निश्चित ही ये मनोहारी छायाचित्र हृदय में गुरू के प्रति श्रद्धा रूपी प्रकाश बढ़ाने में सहायक होंगे।। कैलेण्डर का मुख्य पृष्ठ बोहरा कालोनी पाण्डुक शिला स्थित 1008 श्री ऋषभदेव जिनालय की वेदी पर विराजित मूलनायक भगवान आदिनाथ सहित जिन प्रतिमाओ का है।
साथ ही कैलेन्डर नमनकर्ता गुरूभक्त परिवार श्री मति लाड़ देवी, महावीर प्रसाद इन्द्रा,पदम कुमार सुनिता, अक्षत संजोली, रानू, खुशबू,सम्यक,पीयूषा कासलीवाल एवं समस्त कासलीवाल परिवार बीजवाड़ वाले रहे।
दूसरे पृष्ठ पर कुण्डलपुर म.प्र. 02 जुलाई 2022 के गुरू संत शिरोमणि आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज ससंध से मुनि श्री ससंध के महामिलन का अलौकिक क्षण दिखाया गया है।
अंदर सभी 12 पृष्ठों में निर्यातक श्रमण मुनिपंगव 108 श्री सुधासागर जी महाराज के सहज सरल छायाचित्र प्रकाशित किये गये है। कैलेण्डर में तारीख के साथ तिथियों को भी छापा गया है। निश्चित ही कैलेन्डर के माध्यम से ही सही गुरू मुनिपुंगव के रोजाना दर्शन श्रद्धालुओं के हृदय में श्रद्धा रूपी गुणों का विस्तार कर पुण्य संचय का माध्यम बनेगा।