प्रधानमंत्री का धार्मिक भावनाओं में बांटने का कड़ा विरोध

भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की 31 मई 2023 को अजमेर आगमन यात्रा के कार्यक्रम में देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पुष्कर ब्रह्मा मंदिर में पूजा अर्चना कार्यक्रम सम्मिलित है और अजमेर ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह जाने का कार्यक्रम नहीं होने को लेकर अजमेर कांग्रेस के नेताओं के कड़ी निंदा की है!

कांग्रेसियों ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर कहा कि देश का प्रधानमंत्री किसी भी धर्म विशेष का प्रधानमंत्री ना होकर सभी धर्मों के अनुयायियों के प्रधानमंत्री होते हैं या फिर पूरे भारतवर्ष के सभी धर्मों में आस्था रखने वाले लोगों के प्रधानमंत्री होते हैं, ऐसे में अजमेर आगमन के कार्यक्रम में दरगाह के कार्यक्रम का नहीं होना उनकी ओछी राजनीतिक मानसिकता का परिचय है। साथ ही भारत के लोगों को धर्म के नाम पर बांटने का संदेश दे रहे हैं, क्योंकि अजमेर जिला एक धार्मिक नगरी के नाम पर जाना जाता है जिसमें पुष्कर व दरगाह में सभी धर्म के अनुयायियों की भारी संख्या में आवाजाही रहती है इससे पूरे देश में एक धार्मिक संदेश जाता है। इसलिए भारत के प्रधानमंत्री को लोगों की भावना का आदर करते हुए दरगाह के कार्यक्रम को सम्मिलित करना चाहिए था उन्होंने ऐसा नहीं करके धार्मिक राजनीति में राजनीति करने का कार्य किया है अर्थात धार्मिक राजनीति का फायदा उठाने का प्रयास किया है। इस यात्रा का कड़ा विरोध करते हुए पूर्व विधायक पी.सी.सी. सदस्य डॉ० राजकुमार जयपाल, शहर कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी कुलदीप कपूर, फकरेमोईन, शिव बंसल, नगर निगम प्रतिपक्ष नेता द्रोपदी कोली, पार्षद नोरत गुर्जर कुशाल कोमल, नुकल खण्डेलवाल, सर्वेश पारीक, हेमन्त जोधा, चन्द्रशेखर बालोटिया, सुनील केन, पिंकी बालोटिया, ब्लॉक अध्यक्ष वाहिद मोहम्मद शैलेन्द्र अग्रवाल, अहमद खान, सेवादल अध्यक्ष देशराज मेहरा आदि ने संयुक्त बयान जारी कर इस प्रकार की धार्मिक भावनाओं को भड़काने की यात्रा को लेकर कड़ा विरोध जताया है।

डाँ राजकुमार जयपाल
पूर्व विधायक
+919414400000

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