सिन्धी भाषा को नई पीढी तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण कदम
अजमेर 01 जुलाई। सिन्धी समाज महासमिति, अजमेर की ओर से नए प्रकल्प ’सिन्ध इतिहास एवं साहित्य शोध संस्थान्’ का रविवार 2 जुलाई प्रातः 10.30 बजे विधिवत शुभांरभ पूजा अर्चना के साथ श्री अमरापुर सेवा घर, 423 प्रगति नगर, कोटड़ा, अजमेर के द्वितीय तल पर किया जायेगा।
अध्यक्ष कवंल प्रकाश किशनानी ने इस शोध केन्द्र में संकल्न किये गये साहित्य में कहानिया, उपन्यास, एकांकी (नाटक), कविताएं, संगीत, शिक्षा, अन्तर्राष्ट्रीय किताबें, भारत का संविधान व शब्द कोश, स्वास्थ्य, स्वतन्त्रता सैनानी व राजनीतिज्ञ, धर्म-शास्त्र, सन्त, मुनि महात्मा, आध्यात्मिक, साहित्य, इतिहास, प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकें उपलब्ध है।
सिन्धी भाषा किताबो में मुख्य रूप से उपलब्ध
रामायण, महाभारत, गीता, भारत का सविधान, सिन्धी, हिन्दी व अन्य भाषाआंे डिक्शनरी, विभाजन की त्रास्दी, परूषों व महिलाओं के द्वारा पहनी जाने वाली पौशाकें, टोपियां व पगड़ियां, सिन्ध की लोक कथाऐ, लोक गीत, रहन सहन, खान पान,ं सिन्ध के कवि व सिन्ध के तीर्थ, दर्शनीय स्थल, 1857 से 1947 तक स्वाधीनता आंदोलन में शहीद हुए महापुरुष व भाग लेने वाले सैनानियों का सिन्ध के महापुरुषों के वर्णन के साथ उनके स्थानों की जानकारी व जीवनी का वर्णन मिलता है। कुलदेवी हिंगलाज माता से संबंधित भी सामग्रियां उपलब्ध है।
सिन्ध के शहरों का विस्तृत विवरण
सिन्ध के शहरों में ठट्टो, बद्दीन, हैदराबाद, नवाबशाह, दादू, खैरपुर, लाडकाणा, सक्खर, शिकारपुर, जेकबाबाद की तहज़ीब व रहन सहन का विस्तृत विवरण उपलब्ध है व नुख, गोत्रों की भी जानकारीयां है।
बटवारा:
1947 में जब देश का विभाजन हुआ उस समय अपनी मातृभूमि को छोड़कर आने पर विभिन्न्ा इतिहासकारों व साहित्यकारों ने सिन्ध से आए व्यक्तियों के दर्द को लिपिबद्ध किया, उनकी प्रतियां भी उपलब्ध है।
गीत व कविताएं
सिन्ध मे गाए जाने वाले पारम्परिक गीत, नृत्य व कवियों द्वारा विभाजन से पूर्व की लिखी गई पुस्तकें भी उपलब्ध हैं।
कहानियां व उपन्यास व नाटक
सिन्ध प्रान्त की लोक कथाएं व उपन्यासकारों द्वारा लिखी उपन्यास उपलब्ध हैं जिन पर नाटक व फिल्में बनाने में महत्वपूर्ण भूमिकाएं अदा की जाएगी।
मुअन जो दड़ो
सिन्ध की सबसे प्राचीन संस्कृति व सभ्यता की जानकारी अंग्रेज़ों द्वारा रेल लाइन की खुदाई के समय मिली उसके पूरे इतिहास की जानकारी सिन्धी, हिन्दी व अंग्रेज़ी में उपलब्ध है
सिन्धी भाषा के विद्यार्थी प्रतियोगिता व शोधकर्ताओं के लिए
सिन्धी भाषा के विद्यार्थी प्रतियोगिता व शोधकर्ताओं के लिए प्रचुर मात्रा में सिन्धी व देवनागरी में साहित्य व पुस्तकें उपलब्ध है।
आगामी योजना
इन पुस्तकों को देवनागिरी, हिन्दी व अग्रेंजी में भी अनुवाद कर प्रकाशन कार्य संस्थान द्वारा किया जायेगा व पुस्तकों को डिजिटल किया जाएगा। प्रमुख क्षेत्रों में विशेषज्ञता लाने और सिंध के समृद्ध इतिहास और साहित्य को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किया गया है। पुस्तकों के एकत्रीकरण का कार्य जारी रहेगा व उनका अनुवाद का कार्य के साथ सिन्धी भाषा सिखाने की साप्ताहिक कक्षाएं हर उम्र के वर्ग के लिए रहेगी।
महासचिव हरी चंदनाणी ने बताया कि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान सिन्धी अकादमी के पूर्व अध्यक्ष मोहनलाल वाधवाणी व अध्यक्षता सुधार सभा, अजमेर के संरक्षक ईश्वर ठाराणी करेगें। इसी अवसर पर म.द.स. विश्वविद्यालय सिन्धु शोध पीठ की पूर्व निर्देशक लक्ष्मी ठाकुर, वरिष्ठ पत्रकार व लेखक गिरधर तेजवानी, शिक्षाविद् व गायिका शांता भिरयाणी व दैनिक हिन्दु (सिन्धी भाषा) में समाचार पत्र के सम्पादक हरीश वर्याणी विशिष्ठ अतिथि रहेगें।
शुभारम्भ में संगठन के सदस्यों, शोधार्थियों, शोधकर्ताओं, शिक्षार्थियों, इतिहास और साहित्य प्रेमी सम्मिलित होगें। इसके अलावा कार्यक्रम में सिंध इतिहास व साहित्य के विषय में मंच संचालन, प्रश्नोत्तर सत्र, विशेष व्याख्यान और प्रायोगिक गतिविधियाँ शामिल होंगी।
कवंल प्रकाश किशनानी
अध्यक्ष
मो. 9829070059