सत्रावसान नहीं कर लोकतांत्रिक परंपराओं का गला घोंट रही सरकार – देवनानी

14 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में जनता के मुद्दे नही उठ सकते – देवनानी
– विधायकों के अधिकारों का किया जा रहा हनन – देवनानी

वासुदेव देवनानी
अजमेर 07 जुलाई। पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री और अजमेर उत्तर विधायक वासुदेव देवनानी ने 14 जुलाई से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र को लेकर राज्य सरकार पर लोकतांत्रिक परंपराओं का गला घोंटने का आरोप लगाया। देवनानी ने बयान जारी कर कहा की पिछले सत्र को सत्रावसान नही करके विधायको के अधिकारों का हनन किया गया है। सत्र के सत्रावसान नही होने से विधायक 14 जुलाई से शुरू हो रहे इस सरकार के आखिरी सत्र में जनता की समस्याओं को प्रश्नों के माध्यम से नही उठा सकेंगे।
देवनानी ने कहा की सत्रावसान नही होने के चलते विधायक इस सत्र में जनता के मुद्दो से जुड़े सवाल सदन के नही उठा सकेंगे। उन्होंने सीएम अशोक गहलोत पर लोकतांत्रिक परंपराओं का गला घोंटने का आरोप लगाते हुए कहा की कांग्रेस सरकार खुद संवैधानिक संस्थाओं को परंपराओं के आधार पर नहीं संचालित कर रही और उल्टा भाजपा पर संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग का बेबुनियाद आरोप लगा रही है। देवनानी ने कहा की अगर पिछले विधानसभा सत्र का सत्रावसान किया गया होता तो इस नए सत्र में प्रत्येक विधायको को 30 सवाल पूछे जाने का अधिकार होता जिसका हनन किया गया है।
देवनानी ने सरकार पर आरोप लगाया की पिछले साढ़े चार सालो में सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है फिर चाहे वो महिला सुरक्षा का मुद्दा हो या फिर पेपर लीक जैसी घटनाओं के जरिए युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होना। इन सभी मुद्दों पर जनता के सवालों से बचने के लिए सरकार ने विधानसभा सत्र का सत्रावसान नही किया जिससे जनता के तीखे और कड़वे सवाल ना पूछे जा सके। देवनानी ने कहा की गहलोत चाहे जितना प्रयत्न कर ले लेकिन भाजपा सदन में ना सही लेकिन सड़को पर जनता के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरेंगी। उन्होंने कहा की कांग्रेस सरकार अब अपनी आखिरी सांसे गिन रही है और जनता साल के अंत में होने वाले चुनाव में इस निक्कमी और भ्रष्ट सरकार को उखाड़ फेंकेगी।

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