चैक अनादरण के आरोपी को मिली एक साल की सजा

तीन लाख रूपये के अर्थदंड से किया दण्डित
केकड़ी,20 अप्रेल अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या दो ने परिवादी सोनू सैन पुत्र रामपाल जाति नाई निवासी बांदनवाड़ा के परिवाद पर सुनवाई करते हुए शिवराज पुत्र गोपाल लक्षकार निवासी बांदनवाड़ा को चैक अनादरण के मामले में दोषसिद्ध करते हुए एक साल की सजा तथा तीन लाख रूपये के अर्थदंड से दण्डित करने के आदेश पारित किये हैं।अदम अदायगी अर्थ दंड अलग से तीन महीने की सजा के भी आदेश दिए हैं।परिवादी सोनू सैन के अधिवक्ता मनोज आहूजा ने बताया कि आरोपी और परिवादी के मध्य अच्छे सम्बन्ध थे जिसके चलते आरोपी ने 11 अप्रेल 2017 को तीन महीने के लिए दो लाख रूपये उधार लिए थे जिसकी अवधि पूरी होने पर जब रकम का तकाजा किया तो उसने अपने खाते का चैक दिया और कहा कि बैंक में प्रस्तुत होने पर राशि मिल जाएगी।परिवादी ने जब चैक बैंक में पेश किया तो उसके खाते में रकम नहीं होने से बैंक ने चैक वापस लौटा दिया।इस पर परिवादी की और से परिवाद पेश कर दस्तावेजी व मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत कर आरोपी को दोषसिद्ध करने का निवेदन किया गया जिसका विरोध करते हुए आरोपी के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि चैक का दुरूपयोग किया गया है तथा दीपक सैन जो बीसी चलाता है ने चैक का दुरूपयोग किया है,एवं चैक में वर्णित विशिष्टयां आरोपी की हस्तलिपि नहीं होकर परिवादी ने भरी है।जिसके खंडन में परिवादी के अधिवक्ता मनोज आहूजा व भैरूसिंह राठौड़ ने तर्क व न्यायिक निर्णय पेश किये जिनसे सहमत होते हुए न्यायाधीश ने आरोपी को एक साल की सजा व तीन लाख रूपये के जुर्माने से दण्डित किया है।

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