बुढ़ा हुआ नहीं, अभी तो मैं जवान हूं
पचपन में बचपन का हौसला रखता हूं,
झुरियां पड़ चुकी है तमाम शरीरों में
पर दिल कहता है, अभी तो मैं जवान हूं।
तन-मन को कुम्हलाने देता नहीं हूं
सोच को विकलांग बनने देता नहीं हूं,
माना देखकर अक्सर लोग बुढ़ा कहते हैं
पर दिल कहता है, अभी तो मैं जवान हूं।
मन की चंचलता पर खुश रहता हूं
संगीत, किताबों में डूबा रहता हूं,
बेशक वक्त ने बुढ़ापे की चादर चढ़ाई है
पर दिल कहता है, अभी तो मैं जवान हूं।
अर्थहीन बातों से मतलब रखता नहीं हूं
खुद को खुश रखने की प्रयास करता हूं,
फर्क नहीं पड़ता कौन क्या कहते हैं
पर दिल कहता है अभी तो मैं जवान हूं।
गोपाल नेवार,’गणेश’सलुवा, खड़गपुर, पश्चिम मेदिनीपुर, पश्चिम बंगाल। 9832170390.