पाक सेना की बर्बरता के विरोध में अजमेर बंद रहा

अजमेर। सरहद पर पाकिस्तानी सैनिकों द्वारा दो भारतीय सैनिकों की की बर्बर हत्या के विरोध में बुधवार को राष्ट्र उत्थान मंच, नव निमार्ण सेना और नव दुर्गा मंडल के आव्हान पर आधे दिन अजमेर बंद रहा। धार्मिक संगठनों की ओर से घोषित बंद को शहर में व्यापक समर्थन मिला, लेकिन शहर से बाहर दुकानें खुली रहीं। बाजार बंद कराने के लिए युवाओं की टोलियां सुबह से ही सड़कों पर निकल गईं। बंद समर्थकों के आव्हान के चलते शहर की अधिकांश दुकानें खुली ही नहीं, जो थोड़ी बहुत दुकानें खुली दिखीं, उन्हें बंद समर्थको ने बंद करवा दिया। बंद में स्कूल और कॉलेज को भी शामिल किया गया था। खास बात यह रही कि बंद का असर पहली बार दरगाह इलाके में भी नजर आया, यहां की अधिकांश दुकाने भी बंद रही।
युवाओं की टोलियों ने बजरंगगढ़ विजय स्मारक पर पाकिस्तान के टैंक पर चढ़कर पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी की और अपना आक्रोष जाहिर किया। बजरंगगढ़ से शुरू हुई युवाओं की टोली नया बाजार, डिग्गी बाजार, नला बाजार, आगरा गेट, सिविल लाइन, रामनगर होते हुए गांधी भवन चौराहे पर पहुंची, जहां पाकिस्तान के राष्ट्रपति और सेना अध्यक्ष के पुतले को फांसी लगाई, फिर चौराहे के चारों तरफ  पुतले की शवयात्रा निकाली और चप्पल और जूतों से पिटाई कर पुतले को आग के हवाले कर दिया। इस मौके पर नवदुर्गा मंडल के अध्यक्ष गोविन्द जादम, नवदुर्गा मंडल संरक्षक अशोक राठी, रविन्द्र जसोरिया, नरेन्द्र शेखावत, रामाकिशन प्रजापति, कुलदीप गहलोत, संजीव नागर, रमेश शर्मा, रमेश मेघवंशी, विरेन्द्र वालिया सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
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