सावित्री स्कूल शिक्षकों ने की इच्छा मृत्यु की मांग

savitri kanya vidhyalye 01अजमेर। सावित्री कन्या विद्यालय को राजस्थान सरकार ने अधिग्रहित तो कर लिया है मगर इस स्कूल में बरसों से सेवारत शिक्षकों के बारे में अभी तक कोई फैसला नही लिया गया। जिससे सेवारत कार्मिकों के भविष्य पर खतरे के बादल मण्डराने लगे हैं। शुक्रवार को विद्यालय के दर्जन भर शिक्षकों और कार्मिकांे को वेतन नही मिलने और स्थाईकरण नही होने से खफा शिक्षकों ने विद्यालय परिसर में नारेबाजी करते हुए सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग की।
सावित्री कन्या विद्यालय का करीब सौ साल पुराना वह भवन जो गवाह है संस्थान के गर्वीले इतिहास का इसी भवन में शिक्षा ग्रहण कर जहां हजारों नन्ही मुन्नी बेटियों ने सफलता के नए मापदंड स्थापित किए। वही कई शिक्षकों ने कड़ी मेहनत और लगन के साथ एक ऐसी बुनियाद तैयार की जिसका परचम आज विभिन्न क्षैत्रों में पूरे गौरव से साथ लहरा रहा है। मगर अफसोस कि जिस संस्थान को सींचने में इसके शिक्षकों ने अपना खून पसीना बहा दिया। आज वे ही दर दर की ठोकरें खाने के लिये मजबूर हैं।
दरअसल यह स्थिति सरकार द्वारा इस विद्यालय को इसी साल अधिग्रहित की जाने से पैदा हुई है। क्यों कि सरकार ने इस स्कूल का अधिग्रहण तो कर लिया मगर, इसमे पढ़ाने वाले शिक्षकों के स्थाईकरण की कोई योजना तैयार नही की, जिससे इसमे बरसों से अपनी सेवायें दे रहे शिक्षकों को वेतन नही मिल पाने के कारण अब फाकाकशी के लिये मजबूर होकर, सरकार से इच्छा मृत्यु की मांग करनी पड़ रही है।
इस पूरे मामले में स्कूल प्रबंधन पूरी तरह से बेबस और लाचार नजर आ रहा है। स्कूल प्रबंधन की मानें तो उन्होने इस संबंध में अपनी ओर से प्रस्ताव तैयार कर राजस्थान सरकार को भेज दिया है अब इस पर अंतिम निर्णय तो सरकार को ही लेना है।

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