जनविरोधी महंगाई बढ़ाने वाला बजट – देवनानी

devnaniअजमेर। अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज रेल मंत्री द्वारा प्रस्तुत रेल बजट को जनविरोधी बताते हुए कहा कि सरचार्ज के बहाने से रेल किराये में बढ़ोतरी करके एवं माल भाड़े मंे बढ़ोतरी कर जनता पर महंगाई का बोझ लादा गया है जबकि अभी कुछ दिनों पूर्व ही रेल किरायों में वृद्धि की गयी थी।

उन्होंने कहा कि रिजर्वेशन चार्जेज तथा तत्काल किराये में भी बढ़ोतरी की गयी है। जबकि प्रदेष में अन्य स्थानों की तुलना में अजमेर की उपेक्षा करते हुए यहंा के लिए कोई विषेष घोषणा नहीं की गयी है। अजमेर में रेलवे का कारखाना, जमीन एवं अन्य आधारभूत सुविधाऐं उपलब्ध होने के उपरान्त भी केन्द्रीय मंत्री के दबाव में रेल कोच कारखाना भीलवाड़ा में खोले जाने की घोषणा की गयी है। अजमेर से सप्ताह में 3 दिन चलने वाली कई प्रमुख गाडियों को नियमित किये जाने व नयी गाडियां चलाये जाने तथा अजमेर के रलवे स्टेषन पर सुविधाओं का विस्तार किये जाने की मांगों को भी अनदेखा किया गया है। देवनानी ने रेल बजट को कुल मिलाकर भेदभावपूर्ण, निराषाजनक, जनविरोधी एवं महंगाई बढ़ाने वाला बताया ।

अजमेर । अजमेर उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी ने आज विधान सभा मेें नियम 295 के अन्तर्गत अजमेर की पेयजल व्यवस्थाओं के सम्बंध में जलदाय विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही का मामला उठाते हुए सरकार पर भी उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाया ।

जलाने चिकित्सालय में कार्डियोथोरेसिक सेंटर प्रारम्भ करने में सरकार की रूचि नहीं  – देवनानी

अजमेर । उत्तर विधायक प्रो. वासुदेव देवनानी द्वारा विधान सभा के दषम सत्र में अजमेर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय में कार्डियोथोरेसिक सेंटर के सम्बंध में पूछे गये तारांकित प्रष्न का आज सरकार द्वारा जवाब पेष किया गया जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि ना तो अस्पताल प्रषासन और ना ही राज्य सरकार इसे प्रारम्भ कर इस चिकित्सालय में आने वाले हृद्य रोगियों को बाईपास सर्जरी की सुविधा उपलब्ध कराना चाहती है।

जवाब में बताया गया है कि दिसम्बर 2009 से इसका निर्माण प्रारम्भ हुआ जिसके लिए यूआईटी द्वारा एक करोड़ रू. दिये गये जो कि गत भाजपा सरकार की योजनानुसार दिये गये । जुलाई 2010 में निर्माण कार्य पूर्ण हो गया, परन्तु सरकार ने इसकी सुध नहीं ली। वर्ष 2012-13 में जाकर सरकार द्वारा लिफट व स्टरलाईजेषन जोन के निर्माण हेतु 53 लाख का बजट आवंटन किया गया।

दूसरी ओर इसके लिए विभिन्न उपकरण खरीदने के लिए वर्ष 2008-09 (गत सरकार के कार्यकाल) में सरकार द्वारा 101.89 लाख रू. का बजट आवंटित किया गया । इसके बाद यूआईटी द्वारा 2010 में 2 करोड़ रू उपकरण खरीदने हेतु दिये गये परन्तु चिकित्सालय प्रषासन मात्र 48.40 रू. के ही उपकरण खरीद पाया। देवनानी ने कहा कि अजमेर शहर में हृद्य रोगियों की चिकित्सा के लिए इतनी बड़ी सुविधा प्रारम्भ किये जाने के कार्य में भी अस्पताल प्रषासन व राज्य सरकार द्वारा रूचि नहीं रखना अत्यन्त ही विचारणीय विषय है। बजट उपलब्ध होने के उपरान्त भी 2 वर्ष से अधिक समय गुजरने के बाद भी आवष्यक उपकरण नहीं खरीदे जा सके।

सरकार की इस संभागस्तरीय चिकित्सालय में एक अनुभवरी कार्डियो सर्जन भी नियुक्त करने की मंषा नहीं है। प्रदेष के अन्य शहरों में कई सर्जन कार्यरत है परन्तु अजमेर के साथ सौतेला व्यवहार करते हुए सरकार यहां पर सर्जन नहीं लगा रही है। देवनानी ने कहा कि वास्तव में किसी सर्जन की नियुक्ति नहीं होने के कारण भी यह सेंटर प्रारम्भ नहीं हो पा रहा है। देवनानी ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए चिकित्सकों व पेरामेडिकल स्टाफ के प्रषिक्षण कार्यषालाओं के आयोजन सम्बंधी भी उठाया सवाल – जवाब से स्पष्ट है कि प्रषिक्षण के नाम पर लाखों रूपये सरकार द्वारा खर्च किये जा रहे है, परन्तु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार कितना सामने आ रहा है।

शहर में जलदाय विभाग द्वारा बरती जा रही लापरवाही 

गत भाजपा सरकार के समय अजमेर की पेयजल वितरण व्यवस्था में सुधार हेतु पानी की टंकियों (उच्च जलाषयों) का निर्माण हुआ था परन्तु अत्यन्त खेदजनक स्थिति है कि आज चार वर्ष बीतने के बाद भी अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र में चामुण्डा कॉलोनी फायसागर रोड़, विष्णुहिल टाउन कालू की ढ़ाणी तथा आंतेड़ क्षेत्र में बनी टंकियों से जलापूर्ति प्रारम्भ नहीं की जा सकी है। जलदाय विभाग की उदासीनता एवं ढ़िलाई के कारण सरकार द्वारा बड़ी राषि खर्च किये जाने के बाद भी क्षेत्रवासी इन टंकियों से लाभान्वित नहीं हो पा रहे है।

इसी प्रकार अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र के पेराफैरी गांवों – अजयसर, खरेखड़ी, माकड़वाली, लोहागल को बीसलपुर योजना से जोड़ने के लिए गत भाजपा सरकार में बनी ‘पीसांगन फ्लोराईड कंट्रोल योजना‘ में शामिल किया गया था परन्तु सरकार ने यहंा पर भी उपेक्षापूर्ण कदम उठाते हुए गत दिनों इस योजना से उपर्युक्त गांवों को बिना किसी कारण के बाहर निकाल दिया गया जबकि तुलनात्मक रूप से शहर से दूर स्थित गांवों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। वर्षो से बीसलपुर योजना से जुड़ने की आस लगाकर बैठे ग्रामवासियों को इससे भारी निराषा हुई है। वर्तमान में इन गांवों में जलदाय विभाग द्वारा पेयजल की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं की हुई है।
सरकार द्वारा अजमेर शहर में 24 घण्टे के अन्तराल से नियमित जलापूर्ति किये जाने की घोषणा की गयी थी परन्तु आज शहर के आधे से भी कम क्षेत्र में ही 24 घण्टे के अन्तराल से आपूर्ति की जा रही है। यहंा तक की अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र के फायसागर रोड़, रामनगर, वैषालीनगर, मित्रनगर, अभियन्ता नगर, रातीडांग, चौरसियावास रोड़, लौंगिया मौहल्ला, किषन गुरनानी मौहल्ला, सौदागर मौहल्ला आदि कई ऐसे क्षेत्र है जहां पेयजल आपूर्ति का प्रेषर इतना कम है कि क्षेत्रवासियों को सड़कों पर खड्डे खोदकर उनमें से मात्र पीने योग्य पानी मुष्किल से मिल पा रहा है। शहर में कई रिहायषी क्षेत्रों में आबादी विस्तार होने से वहंा स्थित पाईप लाईने छोटी पड़ रही है तथा कई नये बसे क्षेत्रों में पाईप लाईन डाली ही नहीं गयी है जिससे इन क्षेत्रों में निवास करने वालों के समक्ष पेयजल का भारी संकट विद्यमान है।

अतः मेंरा सरकार से आग्रह है कि अजमेर की पेयजल व्यवस्था के सम्बंध में गंभीरता बरतते हुए जलदाय विभाग को निर्देष प्रदान करे कि शहर में आवष्यकतानुसार नयी पाईप लाईन डालकर जलापूर्ति व्यवस्था में सुधार किया जाऐ एवं निर्मित टंकियों से जलापूर्ति की व्यवस्था शीघ्र प्रारम्भ की जाऐ साथ ही शहर के सभी क्षेत्रों में 24 घण्टे के अन्तराल से नियमित पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था भी शीघ्र प्रारम्भ की जाऐ।

इसके अतिरिक्त मेंरा राज्य सरकार से यह भी आग्रह है कि अजमेर उत्तर विधान सभा क्षेत्र के उपर्युक्त गांवों को बीसलपुर परियोजना से जोड़ने हेतु पुनः ‘पीसांगन फ्लोराईड कंट्रोल योजना‘ में शामिल कर ग्रामवासियों को राहत पहुचांने का श्रम करे तथा उपर्युक्तानुसार पेयजल व्यवस्था हेतु विभाग को आवष्यक बजट/संसाधन भी उपलब्ध कराने का श्रम करे।

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