वक्ताओं ने समाज की सोच में परिवर्तन पर दिया जोर

beawar logo 2013-3-8ब्यावर। पीसीपीएनडीटी एक्त 1994 की क्रियान्विति एवं बेटी बचाओ अभियान को समुचित व प्रभावी गति प्रदान करने के मन्तव्य से चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के एनआरएचएम जिला पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ अजमेर एवं ब्लॉक सीएमओ जवाजा की ओर से उपखण्ड कार्यालय सभागार ब्यावर में सोमवार को एसडीओ इन्द्रजीत सिंह की अध्यक्षता तथा जवाजा उपप्रधान श्रीमती रेखा कंवर के मुख्य आतिथ्य तथा पूर्व प्रधान प्रभूसिंह रावत , पूर्व उपप्रधान भूरसिंह, मानवाधिकार सुरक्षा समिति राजस्थान के कार्यवाहक अध्यक्ष विजय वर्मा, अजमेर से आएं कानूनविज्ञ नरेश मटाई , एनजीओ गरीबनवाज़ की श्रीमती शगुप्ता खान , ब्यावर जनचेतना मंच के एडवोकेट महेन्द्र बोहरा , बीसीएमओ डॉ0 सी0एल0परिहार, पीएमओ माया गुरनानी सहित ब्यावर उपखण्ड के सोनोग्राफिक सेन्टर्स सेवाप्रदाता चिकित्सक , जवाजा बीडीओ केसरसिंह रावत, उद्योग प्रसार अधिकारी मूलचन्द अग्रवाल अधिकारीगण तथा श्रीमती गंगा रावत सहित जनप्रतिनिधियों की विशेष मौजूदगी में ब्लॉक स्तरीय आवश्यक बैठक एवं एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए एसडीओ इन्द्रजीत सिंह ने अपने सम्बोधन वर्तमान समय में बेटी बचाओ अभियान को समुचित प्रोत्साहन देने तथा कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध की रोकथाम के उद्देश्य से े आयोजित होरही इस कार्यशाला को महत्वपूर्ण बताया तथा कहा कि समुचित अधिकारी की हैसियत से प्रशासन का इरादा किसीभी सेवाप्रदाता सोनोग्राफिक सेन्टर इंचार्ज़ को परेशान करना नहीं है लेकिन कन्या भ्रूण हत्या जैसे गलत कार्येां पर अंकुश लगाकर हमारी बेटियों को जीने का अधिकार प्रदान करना है। उन्हांेने कहा कि सम्भागी इस कार्यशाला में परस्पर चर्चा कर पीसीपीएनडीटी एक्ट के प्रभावी क्रिन्यावन तथा कन्या भू्रण हत्या को रोकने की दिशा में देश व समाज हित में प्रभावी उपाय तलाशेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया िकइस संबंध में सेवाप्रदाता द्वारा बरती जाने वाली किसी भी त्राुटि, गलती अथवा नाजायज गतिविधि के प्रति प्रशासन सख्ती से कार्यवाही करने में नहीं चूकेगा। मुख्यअतिथि उपप्रधान रेखा कंवर ने कहाकि बेटी को अच्छी शिक्षा दिलाकर उसे समुचित संरक्षण देना चाहिए । बेटे से तो केवल एक परिवार का विकास लेकिन बेटी तो कई परिवारों के विकास एवं अभिवृद्धि को बढावा मिलता है।
जिला समन्वयक ओमप्रकाश टेपन एवं ब्लॉक सीएमओ जवाजा डॉ0 सी0एल0परिहार ने 1994 में बनाए गए ’’ गर्भस्थ शिशु का लिंग परीक्षण प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसीपीएनडीटी) के विविध प्रावधानों व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा वांछित जरूरी औपचारिकताओं, प्रक्रियाओं का स्पष्टीकरण ओडियो विज्यूल के ज़रिये किया तथा आवश्यकतानुरूप मौखिक रूपसे भी खुलासा अभिव्यक्ति करतेहुए कन्या भ्रूण हत्या न करने और बेटी को जीने का पूरा हक देने की जरूरत बताई।

कानूनविज्ञ नरेश मटाई एवं महेन्द्र बोहरा द्वारा अधिनियम के कानूनी पहलुओ एवं सेवा प्रदाताओं की भूमिका को रेखांकित किया। एनजीओ गरीबनवाज अजमेर की श्रीमती शगुप्ता खान ने पीसीपीएनटी अधिनियम के प्रभावी किन्यावन में स्वयंसेवी संस्थाअेां की भूमिका को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए समाज में सोच परिवर्तन जरूरत बताई एवं कन्या जन्मोत्सव मनाने , कन्या को जन्मदेने वाली महिलाओं को सम्मानित करने, बेटियों को पूरी शिक्षा – दीक्षा व समुचित संरक्षण प्रदान करने की दिशा में जनप्रतिनिधियों को आगे आने का आह्वान किया।
कार्यशाला दौरान जो मुख्य बिन्दु उभकर आएं समाज में बालिकाओं के प्रति अच्छी सोच को बढावा देने, बालिका जन्म पर खुशियां मनाने, सोनोग्राफीसेन्टर पर आनेवाली जरूरतमंद महिला को अपनेक्षेत्रा के संबंधित सरपंच / पार्षद सहित अन्य जनप्रतिनिधि द्वारा डिस्सपेच नम्बर सहित ज़ारीकिया हुआ पहचान प्रमाणपत्रा(आईडी) अपने साथ लाने, सीरियस मामले में सेन्टरसंचालक के चिकित्सकाधिकारी द्वारा जरूरतमंद को समयपर वांछित इलाज़ सुलभकराकर उसके जीवन की रक्षा करते इलाज के बाद आने वाली 5 तारीख तके निर्धारित प्रपत्रा मंे वांछित रिपोर्ट समुचित अधिकारी एसडीओ ब्यावर एवं सीएमएचओ अजमेर को भिजवाया सुनिश्चित करना इत्यादि थे।
बादशाह मेला आयोजन हेतु बेैठक आज
ब्यावर। इस माह मार्च में होली पर्व, धुलण्डी एवं बादशाह मेला संबंधी आयोजन को लेकर उपजिला मजिस्ट्रेट ब्यावर इन्द्रजीत द्वारा 19 मार्च मंगलवार को उपखण्ड कार्यालय परिसर स्थित सभागार में सायं 4 बजे बैठक रखी गई है।
उप जिला मजिस्टेªट के अनुसार पूर्व में यह बैठक सोमवार 18 मार्च को होनेवाली थी किन्तु अपरिहार्य कारणवश यह बैठक आज मंगलवार को आयोजित होगी। बैठक मंे पुलिस, चिकित्सा, विद्युत, जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, दूरभाष, रोड़वेज, नगरपरिषद , अग्नि शमन, आदि विभागीय अधिकारियों तथा बादशाह मेला समिति संयोजक सहित उनकी कार्यकारिणी सदस्यों के साथ जरूरी विचार-विमर्श होगा ताकि कानून व शान्ति व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित होसकें एवं यह आयोजन भाईचारा , साम्प्रदायिक सौहार्द्र के साथ सम्पन्न होसकें।

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