अजमेर। वर्ल्ड हैरिटेज डे पर अजमेर का राजकीय संग्रहालय पर्यटकों को तरसता रहा। हांलाकि संग्राहलय का जीर्णोद्धार होने के बाद उसकी काया ही पलट गयी हैं। यहां भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद पाकिस्तान को दी गई भारतीय मुद्रा का एक रू का नोट जिस पर गवर्नमेंट ऑफ पाकिस्तान की सील लगी हुई है वह भी प्रदर्शनी में शामिल किया गया है। वहीं ब्रिटिश मुद्रा का सौ रू का नोट, दुर्लभ ताले, पीतल से बने हथियार, 19वीं शताब्दी की चिमनी, पैर साफ करने का पीतल का छावा, 1915 में रसायन शास्त्र पर हिंदी में अनुवादित किताब जो बनारस स्थित काशी नगर के नरेश प्रभु नारायण सिंह ने लिखवाई थी, ऐसे दुर्लभ ग्रंथ फारसी भाषा में लिखा गया औरंगजेब का फरमान, दूरभाष यंत्र, शीशा, आदि दुर्लभ वस्तुएं और युद्ध के दौरान भारतीय ब्रिटिश सैनिकों के पहने गये कपडे और अस्त्रशस्त्र सहित धरोहरें प्रदर्शित की गई हैं
विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर संग्रहालय में कुछ स्थानिय लोग और स्कूली बच्चें जरूर पहुंचे।