801वें उर्स का चांद दिखा

urs 03अजमेर। 801वें उर्स का चांद मुबारक हो। हफ्ते के रोज़ रजब माह का चांद नज़र आ गया और ग़रीब नवाज़ का 801वां उर्स शुरू हो गया। चांद नज़र आने का एलान हिलाल कमेटी की बैठक के बाद शहर काज़ी और दरगाह शरीफ की शाहजहानी मस्जिद के शाही इमाम हाजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दिक़ी साहब ने की। चांद दिखाई देने की खुशी में दरगाह शरीफ के तारीख़ी नौबतख़ाने में शादियाने बजाए गए और बड़े मंगल की पहाड़ी से तोपें दागकर खुशी से चांद होने का एलान किया गया। इस मौके पर दरगाह शरीफ और आस-पास के इलाकों में ईद सा माहौल हो गया। मक़ामी लोगों और ज़ायरीन ने गले मिलकर एक दूसरे को चांद की मुबारकबाद दी। चांद नज़र आते ही ज़ायरीन की आमद यकायक तेज़ हो गई है। जिसके सबब अजमेर की ज़मीन पर रूहानी मंज़र नज़र आने लगे हैं। दरगाह शरीफ में कव्वालियों और महफिलों के दौर शुरू हो गए हैं। मंगल की शब महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में उर्स की पहली महफिल हुई। खुद्दाम हज़रात की महफिल आहताए नूर में होगी।

ग़रीब नवाज़ का उर्स चांद नज़र आने पर बाज़ाप्ता तौर पर शुरू हो गया है। उर्स शुरू होते ही दरगाह शरीफ़ में ज़ायरीन की आमद यकायक बढ़ गई और मज़ार शरीफ़ पर कसरत से फुल चादर पेश किए जाने लगे हैं। इसी सिलसिले में हफ्ते के रोज हिन्दुस्तान के साबिक प्राइमिनिस्टर जनाब अटल बिहारी वाजपेयी की जानिब से भेजी गई चादर उनके निजी सेकेट्री शिव कुमार शर्मा ने हफ्ते के रोज मजारे ख्वाजा पर पेश की। जनाब शिव कुमार शर्मा के साथ बीजेपी के मकामी लीडर धर्मेश जैन, शफी बख्श, अबरार अहमद और मोहसीन अली सुलतानी भी वाजपेयी की चादर के साथ दरगाह शरीफ पहुंचे। जहां उनका दरगाह के निजाम गेट पर भा.ज.पा. के कारकुनों समेत खुद्दाम हजरात ने गरम जोशी से इस्तकबाल किया। जनाब शिव कुमार शर्मा ने जन्नती दरवाजे के रास्ते आस्ताने शरीफ पहुंचकर अकीदत के फूल और मखमली चादर पेश की, साथ ही उन्होंने मजार शरीफ पर मुल्क में अमनो अमान और खुशहाली के साथ जनाब अटल बिहारी वाजपेयी की तंदरूस्ती और उमरदराजी की दुआ भी की। उन्होंने इस मौके पर जनाब अटल बिहारी वाजपेयी का पैगाम भी पड़ा।

गरीब नवाज की शोहरत ना सिर्फ हिन्दुस्तान बल्कि दुनिया भर में है इस बात की मिसाल आज फिर दरगाह शरीफ में नजारा है। उनके उर्स में आने के लिये युरोप से काफी जायरीन आये है इन जायरीनों के अकीदत देखते ही बन रही थी। इन अकीदतमंदों ने हफ्ते के रोज हिन्दलवली के दर पर फूल चादर पेश किये। इन्होंने अपने तासुरात कुद इस तरह बयान किये।

चांद नजर आने के साथ ही इंतेजामियां ने जायरीनों की सहुलियत के लिये ही कमर कस ली है। इस मर्तबा बडी तादाद में जायरीनांे को कायड में बनाई गई गरीब नवाज आरामगाह पर ठहराया जायेगा। कायड विश्राम स्थली पर हफ्ते के रोज यूआईटी चैयरमेन नरेन शाहनी ने अपने दीगर अहलकारों के साथ इंतेजामात को देखा और जायरीन की सहुलतों के पेशे नजर मुलाजमीन को हिदायात दी। कायड में जायरीन का आना शुरू हो गया है। यहां पर इंतेजामिया की जानिब से अकीदतमंदों के लिये डिस्पेन्सरी, कंट्रोल रूम, फायरब्रिगेड और पुलिस के इंतेजामात किये गये हैं। इंतेजामिया के आला हुक्काम के साथ साथ दरगाह कमेटी से जुडे लोग भी अपनी खिदमात अंजाम दे रहे हैं।

जायरीन की सहुलियत के लिये नगर निगम और महकमाए सहतो तंदरूस्ती की जानिब से मदार गेट पर कस्तुरबा गांधी अस्पताल में उर्स के पेशे नजर एक डिस्पेन्सरी कायम की गई है। इस दवाखाने की इफ्तेताह मैयर कमल बाकोलिया ने की, उनके साथ कांग्रेस संदेश यात्रा के अजमेर प्रभारी सुशील भाटी और साबिक एमएलए हाजी मोहम्मद कय्युम खान, कौंसलर शाकिर मोहम्मद व सीएमएचओ जनाब डॉ. लक्ष्मण हरचन्दानी भी मौजुद थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वो अजमेर आने वाले हर जायरीन को हर मुमकिन सहुलियत फराहम करेंगे। इस डिस्पेन्सरी में 24 घंटे नौनिहालों को पोलियो की खुराक पीलाने का इंतेजाम भी किया गया है।

urs 01गरीब नवाज के चाहने वाले हर तबके में है जिसका बडा हिस्सा फकीरांे और कलंदरों में है। उनके उर्स में शिरकत के लिये मेहरोली से हर साल की तरह इस साल भी हजारों कलंदर पैदल छडियां लेकर अजमेर पहुंचे। इस कलंदरांे ने जुलुस की शक्ल में हफ्ते के रोज असर की नमाज के बाद गरीब नवाज की मजार पर हाजरी दी और दुआए की यह सभी कंल्दर जनती दरवाजे के रास्ते मजार शरीफ पर गये। कलंदरों का जूलुस जिन रास्तो से गुजरा वहां पर उनको देखने वालों का हुजुम लग गया। पुरे रास्ते ये कलंदर हेरतअंगेज कारनामे और करतब दिखाते नजर आये। इनके करतबों को देख हाजरीन दांतो तले अंगुलिया चबाने पर मजबुर हो गये। कलंदरों ने ख्वाजा का दामन नहीं छोडेंगे और हिन्द के राजा मेरे ख्वाजा जैसे नारों से माहौल को गुंजा दिया। ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तार काकी के मजार से गरीब नवाज के मजार पर पैदल आकर हाजरी देने की खुशी इन कलंदरांे के चेहरांे से खुदबाखुद बयां हो रही थी।

गरीब नवाज के 801वें उर्स के पेशे नजर दरगाह शरीफ को खुबसुरत रोशनी से सजाया गया है। दरगाह शरीफ में हर तरफ रोशनी ही रोशनी नजर आ रही है। साथ ही फूल और चादरों की दुकानें भी करीने से सजाई गई है। निजाम गेट पर
इरादे रोज़ ही बनते हैं मगर टूट जाते हैं। वही अजमेर आते हैं, जिन्हें ख़्वाजा बुलाते हैं। के जज़्बों और अक़ीदत के साथ ग़रीब नवाज़ के 801वें उर्स में उम्मीद से ज़्यादा ज़ायरीन के आने की उम्मीद है। जिससे अजमेर शरीफ़ में पूरी तरीके से इस्लामी बयार बहती नज़र आएगी। हम वो मंज़र भी आपको दिखाएंगे।

 

error: Content is protected !!