मुख्य सचेतक के दखल के बाद मिली उत्तरपुस्तिकाऐं

4-6-2013 021 kकेकड़ीI राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 12वीं कला वर्ग के परीक्षा परिणाम में केकड़ी की एक ही स्कूल की 112 छात्राओं के एक ही विषय में सप्लीमेंट्री आने के मामले में मुख्य सचेतक व विधायक रघु शर्मा के दखल के बाद मंगलवार को आखिर बोर्ड ने छात्राओं को उत्तर पुस्तिकाओं की प्रतियां दे ही दी। छात्राओं ने उत्तरपुस्तिकाओं की प्रत्तियों को अपने विद्यालय की व्याख्याता को तो दिखाया ही साथ ही शहर के अंग्रेजी विषय के वरिष्ठ व्याख्याताओं से भी जंचवाया। जिसके बाद सभी का एक ही कहना था कि हां जांच में गड़बड़ी तो निश्चित रूप से हुई हैं।
गौरतलब हैं कि बोर्ड द्वारा पिछले दिनों 12वीं कला वर्ग का परिणाम घोषित किया गया था। परीक्षा में रा.बा.उ.मा.वि. की कुल 186 छात्राओं ने भाग लिया था,जिनमें से 112 छात्राओं के अंग्रेजी विषय में सप्लीमेंट्ी दे दी गई। जिस पर एक बारगी तो स्कूल प्रशासन भी सकते में आ गया…..क्यूं कि जिस स्कूल का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहता हो उसमें यदि एक साथ 112 छात्राओं को फैल कर दिया जाये तो कैसे स्कूल प्रशासन को विश्वास हो….साथ ही जिन छात्राओं ने पूरे साल मेहनत कर परीक्षा दी उनका तो हाल बेहाल हो गया।
छात्राओं ने स्कूल प्रशासन के साथ बोर्ड को लिखित शिकायत दर्ज करवाई तो बोर्ड द्वारा सिर्फ कार्यवाही का झांसा देकर बात टरका दी गई। जब छात्राओं को कोई कार्यवाही होती ना दिखी तो उन्होने अपना भविष्य अधरझूल में लटकता देख अपने साथ हुए इस अन्याय के विरोध में एकजुटता दिखाते हुए बोर्ड प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। अपने हक के लिये लड़ते हुए सभी छात्राऐं चिलचिलाती धूप में स्कूल के बाहर ही धरने पर बैठ गई। जब मिडिया में खबर आई तब कहीं जाकर स्थानीय प्रशासन की नींद टूटी और उन्होने बोर्ड के अधिकारियों से संपर्क कर कार्यवाही करने का आश्वासन देकर छात्राओं को धरने पर से उठाया। मगर जब बोर्ड अधिकारियों द्वारा इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई तो छात्राऐं स्थानीय विधायक रघु शर्मा के पास अपनी पीड़ा लेकर पहुंची। शर्मा ने सभी छात्राओं की बात सुन तुरंत बोर्ड अधिकारियों को फोन लगाया और उन्हें जमकर लताड़ पिलाई। शर्मा ने अधिकारियों को एक दिन में कार्यवाही कर उत्तरपुस्तिकाऐं भिजवाने के आदेश दिये। विधायक के दखल के बाद कहीं जाकर बोर्ड ने कार्यवाही करते हुए मंगलवार को उत्तरपुस्तिकाऐं छात्राओं के पास भिजवाई।
छात्राओं द्वारा उत्तरपुस्तिकाओं की जांच अंग्रेजी विषय के वरिष्ठ व्याख्याताओं द्वारा करवाई गई। उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के बाद व्याख्याता स्वयं सकते में आ गये कि आखिर कॉपी चैकर ने क्या सोचकर कॉपियां जांची हैं। उनका कहना था कि पिछले काफी समय से वे स्वयं भी बोर्ड की कॉपियां जांचते आ रहे हैं मगर उनकी जिंदगी में उन्होने इस तरह की मार्किंग ना कभी की हैं और ना ही कभी देखी हैं। व्याख्याता धन्ना लाल जैन ने बताया कि कॉपी में लगभग हर प्रश्न के उत्तर सटीक हैं और जिनमें 3-3 नंबर मिलने चाहिए उन प्रश्नों में चैकर द्वारा जीरो नंबर दिये गये हैं जो विचारणीय हैं। वहीं कॉपीयों में एक बात और देखने को मिली कि जिस प्रश्न के उत्तर में जीरो दिया गया हैं उसमें 3 से 4 बार जीरों अंकित किया गया हैं जो कापी चैकर द्वारा दुर्भावना से ग्रसित होकर कॉपी चैक किया जाना दर्शाता हैं।
इस पूरे प्रकरण ने राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की विश्वसनियता पर तो सवाल उठाया ही हैं साथ ही सरकार की पारदर्शिता और संवेदनशीलता के नारे पर भी बट्टा लगाया हैं। ऐसे में क्या राज्य सरकार द्वारा किसी प्रकार का दखल इस पूरे प्रकरण में दिया जायेगा?क्या बोर्ड अपनी गलती को सुधार कर इन छात्राओं के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड़ से बचा पायेगा या सिर्फ न्यायालय ही इन छात्राओं का सहारा बनेगा? ये सवाल तो फिलहाल भविष्य के गर्भ में हैं।
इनका कहना हैं:-
तीन विषय एक्सपर्टस को बुलवाकर कॉपियां दिखवाई गई हैं तीनों का मानना हैं कि एक्यूरेसी के हिसाब से 7 नंबर के प्रश्न में बच्चों ने काफी अच्छा किया हैं बावजूद इसके उन्हे 2 नंबर दिये हैं जिससे तीनों ही एक्सपर्र्ट संतुष्ट नहीं हैं। निश्चित रूप से कॉपी चैकर की गलती से ही ऐसा हुआ हैं क्यों कि तीनों एक्सपर्टस का भी मानना हैं कि ऐसी मार्किंग नहीं होनी चाहिए।
गायत्री शर्मा – व्याख्याता,रा.बा.उ.मा.वि.केकड़ी

सभी कॉपियों में लगभग 8 से 9 नंबर तो चाहे कितनी भी टाईट मार्किंग कर ली जाये फिर भी बढऩे ही चाहिए थे मगर कॉपी चेकर ने ना जाने क्यों जिस प्रश्न में 4 नंबर देने चाहिए थे उसमें भी जीरो ही दिये हैं। कॉपी चेकिंग में निश्चित रूप से गड़बड़ी हुई हैं।
धन्नालाल जैन – वरिष्ठ व्याख्याता,अंग्रेजी विषय

हमारे साथ अन्याय हुआ हैं सभी छात्राओं ने कॉपियों में पूरा लिखा हैं और सही लिखा हैं बावजूद इसके प्रश्नों को रेड पेन से काटा गया हैं और जीरो नंबर दे रखा हैं। हम सभी छात्राऐं साथ हैं और जरूरत पड़ी तो हम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटायेगे।
सबिया – पिडि़त छात्रा

 

पीयूष राठी

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