हज़रत मंसूर मोना की दरगाह व् मस्जिद के रास्तों को बंद कर दिया

शहर के सभी सम्मानीय नागरिकों से अनुरोध है की इस समस्या को हिन्दू-मुस्लिम नज़रिये से ना देखें…..

Problem Logoआनासागर चौपाटी के सामने वाली पहाड़ी पर हज़रत मंसूर मोना की वर्षों पुरानी दरगाह व् मस्जिद मौजूद है जिस पर जाने के कई रास्ते हैं पर विगत कुछ समय से वहीँ पर बसी अशोक मार्ग हाउसिंग सोसायटी के कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों ने इन रास्तों पर अतिक्रमण कर रास्तों को बंद कर दिया है रास्तों पर दीवारें खड़ी कर दी गई हैं और अब स्थिति यह है की अब दरगाह व् मस्जिद तक जाने का कोई भी रास्ता नहीं बचा है तथा दरगाह व् मस्जिद में होने वाली दैनिक खिदमत (साफ सफाई व् प्रार्थना) भी नहीं हो पा रही है जिससे वहां आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं में भारी रोष व्याप्त है यहाँ यह भी बताना जरुरी है की यह दरगाह व् मस्जिद इस सोसायटी बसने से भी वर्षों पहले की है जिसका सरकारी रिकार्ड मौजूद है,
प्रशासन ने 28 मई को आधी अधूरी कार्रवाई कर रास्ते की एक दीवार को आधा तोड़ कर मात्र रस्म अदायगी पूरी की व् मौके पर स्थानीय पार्षद के पहुँचने पर दबाव में आकर बिना रास्ता खोले ही वापस लौट गए,
आगामी 16 जून को दरगाह का वार्षिक उर्स है जिसमे सेकड़ों की तादाद में ज़ायरीन आते हैं रास्ता बंद मिलने की अवस्था में कोई भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है और क्षेत्र की शांति व्यवस्था भंग होने की भी आशंका है,
यंहा किसी भी व्यक्ति, समाज या संस्था का विरोध नहीं है केवल मात्र गैरकानूनी तरीके से एक धर्मस्थल के रोके गए रास्तों को खुलवाने भर का प्रयास मात्र है,
बड़े आश्चर्य का विषय है की कोई भी व्यक्ति कितना ही प्रभावशाली क्यों ना हो क्या वो किसी भी धार्मिक स्थल का रास्ता कैसे रोक सकता है आखिर शहर और प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की भी कोई चीज़ है या नहीं….?
प्रशासन के पास स्वयं रास्तों के दस्तावेज़ मौजूद है यदि अशोक मार्ग हाऊसिंग सोसायटी का पूरा प्लान उठा कर देख लिया जाए तो स्थिति स्वयं स्पष्ट हो जायेगी की किस तरह 12 फुट व् 30 फुट के रास्तों पर प्रभावशाली लोगों ने कब्ज़ा कर बगीचे व् किलेनुमा दीवारें बना ली हैं अब देखना ये है की प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाही करता है या गुर्जर आंदोलन की तरह स्थिति के विस्फोटक होने की प्रतीक्षा करता है,
प्रशासन से अनुरोध है की वो जागे और इन प्रभावशाली व्यक्तियों के रास्तों पर किये गए अतिक्रमणों को हटा कर रास्ते खुलवाए जाएँ जिससे दरगाह व् मस्जिद तक जाने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिल सके और हमारे शहर का सांप्रदायिक सोहार्द भी बना रहे….
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