भारत में गोपनीय भुगतान, ओरेकल पर 20 लाख का जुर्माना

अमरीका के प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) का कहना है कि ओरेकल ने ‘फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट’ का उल्लंघन किया है. इस पर ओरेकल सॉफ्टवेयर मामले को निपटाने के लिए 20 लाख डॉलर का भुगतान करने पर सहमत हो गया है.

ओरेकल सॉफ्टवेयर पर भारत में अपने बिक्री कार्यों में गोपनीय भुगतान का आरोप है.

एसईसी का कहना है कि ओरेकल ने भारत में अपनी सहायक कंपनियों को गुप्त तरीके से अवैध भुगतान करने की अनुमति दी.

एसईसी का कहना है कि ओरेकल ने रिश्वत के लिए गोपनीय धन के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया.

बताया जाता है कि ओरेकल ने ‘फॉरेन करप्ट प्रैक्टिस एक्ट’ का ये उल्लंघन वर्ष 2005 से वर्ष 2007 के दौरान किया.

एसईसी का कहना है कि ओरेकल की सहायक कंपनियों ने सॉफ्टवेयर लाइसेंस और अन्य सेवाएं भारत सरकार को बेची, जिनमें से कुछ की जानकारी उसने अपने बिक्री-ब्योरे में दर्ज नहीं की.

सीईसी के सेन-फ्रांसिस्को स्थित क्षेत्रीय कार्यालय के निदेशक मार्क फेगेल ने एक बयान में कहा, ”ये काम ओरेकल की सहायक कंपनियों ने किया, लेकिन खुद ओरेकल ने इस जोखिम को उजागर किया कि इस धन का अवैध तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है.”

कैलीफोर्निया के रेडवुड शोरेज़ स्थित ओरेकल सॉफ्टवेयर ने इस मामले के निपटारे में किसी तरह की गड़बड़ी होने की बात न स्वीकार की है, न इससे इंकार किया है.

 

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